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अब चुनाव में ज्यादा पैसे खर्च कर सकेंगे उम्मीदवार, चुनाव आयोग ने दायरा बढ़ाया

लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा को 70 लाख रुपए से बढ़ाकर 95 लाख रुपये कर दिया गया है

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पांच राज्यों-यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले चुनावी खर्च को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने चुनावों में खर्च की सीमा बढ़ा दी है. मतलब चुनाव में उतरने वाले कैंडिडेट अब पहले से ज्यादा पैसे खर्च कर सकेंगे.

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कितने पैसे कर सकते हैं खर्च?

लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा को 70 लाख रुपए से बढ़ाकर 95 लाख रुपये कर दिया गया है और विधानसभा चुनावों के लिए 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपए करने की घोषणा की है.

वहीं जिस राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में यह 20 लाख थी उसे बढ़ाकर 28 लाख रुपए किया गया है. इससे पहले साल 2014 और 2020 में यह बढ़ोतरी हुई थी.

खर्च बढ़ाने का सरकार का ये फैसला पोल पैनल की सिफारिश पर आधारित है. चुनाव आयोग ने कॉस्ट फैक्टर और दूसरे संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने और बाद में सिफारिशें करने के लिए एक समिति का गठन किया था. समिति ने राजनीतिक दलों, मुख्य चुनाव अधिकारियों और चुनाव पर्यवेक्षकों (election observers) से सुझाव मांगे थे, फिर महंगाई दर और राजनीतिक पार्टियों की मांग को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया गया.

साथ ही चुनाव प्रचार के बदलते तौर-तरीकों को भी ध्यान में रखा गया है, जो धीरे-धीरे वर्चुअल मोड में बदल रहा है.

बता दें कि यह बढ़ोतरी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव से ही लागू हो जाएगी.

कोरोना पर भी बैठक

चुनाव आयोग ने गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया और आईसीएमआर प्रमुख डॉक्टर बलराम भार्गव के साथ चुनाव वाले पांच राज्यों में कोविड के कारण बने हालात की समीक्षा की. एक सूत्र के अनुसार, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों को देशभर में कोविड के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि को देखते हुए वर्चुअल रैलियों पर प्रमुख रूप से ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है और टीकाकरण प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत पर भी जोर दिया है.

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