ADVERTISEMENTREMOVE AD

चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, साउथ-ईस्ट दिल्ली के DCP को हटाया

चुनाव आयोग ने डीसीपी साउथ-ईस्ट चिन्मय बिस्वाल को हटाया

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

चुनाव आयोग ने डीसीपी साउथ-ईस्ट चिन्मय बिस्वाल को हटा दिया है. साथ ही आयोग ने 1997 बैच के DANIPS अफसर कुमार ज्ञानेश को फिलहाल साउथ-ईस्ट डीसीपी बना दिया है.

चुनाव आयोग ने कहा है कि गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस कमिश्नर तीन नाम का एक पैनल भी आयोग को भेज सकते हैं, जिससे एक रेगुलर साउथ-ईस्ट डीसीपी की नियुक्ति हो सके.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

चुनाव आयोग ने बिस्वाल को हटाते हुए 'मौजूदा हालात' का हवाला दिया. हाल ही में साउथ-ईस्ट दिल्ली के जामिया और शाहीन बाग इलाके में गोली चली थी. दोनों जगहों पर CAA के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था.

साउथ-ईस्ट इलाके में ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया आते हैं. यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा और जामिया-शाहीन बाग इलाके में फायरिंग के बाद बिस्वाल ने ही सामने आकर दिल्ली पुलिस की तरफ से सफाई पेश की थी.

जामिया हिंसा के समय बिस्वाल ने पुलिस का पक्ष रखा था सामने

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पिछले साल 15 दिसंबर को CAA के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था, जब अचानक हिंसा भड़क गई थी. पुलिस पर आरोप लगे थे कि उसने यूनिवर्सिटी में अंदर घुस कर छात्रों पर बर्बरता की थी. छात्रों ने दावा किया था कि पुलिस ने लाइब्रेरी और मस्जिद में घुस कर हमला किया था. पुलिस पर कैंपस में फायरिंग करने का भी आरोप लगा था और कुछ वीडियो भी सामने आई थीं. उस समय भी डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने ही दिल्ली पुलिस का पक्ष रखा था और फायरिंग की जांच करने की बात कही थी.

बिस्वाल ने की थी 'शांति बैठक'

जामिया में हिंसा के कुछ दिन बाद चिन्मय बिस्वाल ने शाहीन बाग और जामिया नगर पुलिस स्टेशन में चिन्मय बिस्वाल ने स्थानीय लोगों के साथ एक शांति बैठक की थी. शांति समिति की इस बैठक में पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया था.

बैठक के बाद बिस्वाल ने कहा था, "हमने स्थानीय लोगों से बात की है और उनके नजरिए को भी सुना है. हम इसके जरिए विश्वास बढ़ा रहे हैं. हमने उनसे कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की और अफवाहों पर ध्यान न देने को भी कहा."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×