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राफेल पर लिखी किताब को जब्त करने के निर्देश नहीं दिए: चुनाव आयोग

सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा कि पीएम मोदी पर बनने वाली फिल्म कैसे सही और राफेल पर लिखी किताब कैसे गलत?

Published
भारत
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मंगलवार, 2 अप्रैल को टाइम्स ऑफ इंडिया में खबर छपी कि चुनाव आयोग ने एक तमिल किताब की रिलीज पर रोक लगा दी है. इस किताब का नाम है 'नत्तई उलुक्कुम राफेल; बेरा ऊझल' इसे एस विजयन ने लिखा है. इसका मतलब है 'राफेल: वो घोटाला जिसने देश को हिला दिया', इसके विमोचन के लिए द हिंदू अखबार के पूर्व संपादक और द हिंदू ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन के चेयरमैन एन. राम को आना था. बता दें कि एन राम ने खुद भी राफेल मामले में कई खुलासे किए हैं.

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हालांकि, मंगलवार शाम को तमिलनाडु के चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि उन्होंने इस मामले में कोई भी निर्देश नहीं दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने चेन्नई के डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन कमिश्नर से कहा है कि वो इस मामले का संज्ञान लें और रिपोर्ट दें.’

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक, भारती पुस्तकालयम जो कि इस किताब की प्रकाशक है जब इस किताब के विमोचन की तैयारी कर रहे थे उस वक्त चुनाव आयोग के अधिकारियों का एक दल और पुलिस आई और किताब की 142 कॉपियों को प्रकाशक के ऑफिस से जब्त कर लिया.

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि इस किताब में राफेल डील से जुड़े कुछ संवेदनशील दस्तावेज हैं, जो चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करते हैं.

सोशल मीडिया पर लोगों ने पूछा कि पीएम मोदी पर बनने वाली फिल्म कैसे सही और राफेल पर लिखी किताब कैसे गलत?

द हिंदू के मुताबिक, इस किताब की कुछ कॉपियों को स्थानीय दुकानों से भी जब्त किया गया है.

प्रकाशक समूह के संपादक के मुताबिक, वो इस किताब को रिलीज नहीं कर पाए 'क्योंकि ये एक राजनीतिक किताब है.'

उन्होंने कहा, “किताब रिलीज करने से पहले मुझे परमिशन नहीं मिली. ये हैरान करने वाली बात है कि इस शहर में रोजाना कई किताबें रिलीज होती हैं. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि हमें ही क्यों टारगेट किया गया.''

मीडिया से बात करते हुए एन. राम ने कहा, ''किताब के प्रकाशन को रोकना और किताबों को जब्त करना लोकतंत्र के खिलाफ है. ये अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है.''

उन्होंने ये भी कहा कि वो किताब की रिलीज के लिए कोर्ट जाएंगे, क्योंकि इस किताब ने किसी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं किया है. भारती पुस्तकालयम ने भी कहा कि वो अपने वकीलों से बात करेंगे और इस मुद्दे को लेकर कोर्ट जाएंगे.

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ट्विटर पर लोगों की आईं तीखी प्रतिक्रियाएं

जैसे ही ये खबर बाहर आई उसके तुरंत बाद से पुलिस और चुनाव आयोग के एक्शन पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं देनी शुरु कर दीं. लोग पूछने लगे कि मोदी पर फिल्म बनना कैसे सही और ये किताब लिखा जाना कैसे गलत है?

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