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चुनाव आयोग (Election Commission) ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) से जुड़े आकंड़े जारी कर दिए हैं. EB की लिस्ट में नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (Navayuga Engineering Company Private Limited) का भी नाम शामिल है. बता दें कि पिछले साल 12 नवंबर को उत्तरकाशी में ढही सुरंग का निर्माण यही कंपनी कर रही है. आंकड़ों के मुताबिक, इस कंपनी ने कम से कम 55 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं.
सिलक्यारा सुरंग ढहने की वजह से 41 मजदूर फंस गए थे और उनके बचाव में 16 दिन से अधिक का समय लगा था.
चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों के अनुसार, जिसे ECI ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 14 मार्च को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है, नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने 2019 में 45 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे और 2022 में 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे.
इसमें से कंपनी ने 18 अप्रैल 2019 को 30 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड खरीदा था. 1-1 करोड़ मूल्य के 30 बॉन्ड खरीदे गए थे.
जुलाई 2018 में भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा उनके परिसरों पर छापेमारी की गई थी. अक्टूबर 2018 में, आयकर विभाग ने कंपनी द्वारा कथित कर चोरी को लेकर नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के हैदराबाद परिसर पर छापा मारा था.
ECI द्वारा जारी चुनावी बॉन्ड डेटा का विश्लेषण करने के बाद, द क्विंट को पता चला कि नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा खरीदे गए सभी बॉन्ड 1 करोड़ रुपये मूल्यवर्ग के थे.
नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने 2019 में 1 करोड़ रुपये के 45 चुनावी बॉन्ड खरीदे थे. डेटा में नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के रूप में उल्लिखित उसी कंपनी ने 2022 में 1 करोड़ रुपये के 10 अन्य चुनावी बॉन्ड खरीदे.
कंपनी ने 18 अप्रैल 2019 को अधिकतम 30 बॉन्ड खरीदे थे, इसके बाद 10 अक्टूबर 2019 को 15 बॉन्ड और 10 अक्टूबर 2022 को 10 बॉन्ड और खरीदे.
साल 2023 और 2024 में कंपनी द्वारा चुनावी बॉन्ड खरीदने से जुड़ा कोई डेटा नहीं मिला. भारतीय स्टेट बैंक ने ईसीआई के साथ जो चुनावी बॉन्ड डेटा साझा किया है वह 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक का है.
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