भारत में वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है, और इस वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है वाहन. ऐसे में ईवी यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल वरदान के रूप में आए हैं. लोग पेट्रोल डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक व्हीकल लेना भी चाहते हैं लेकिन इसको लेकर कई सवाल हैं. सवाल हैं क्योंकि मोटे खर्चे का मामला है.
हेल्लो, मेरा नाम प्रतीक वाघमारे है और रुपया-पैसा में सलाह-मशविरा होगा ईवी पर मोटा रुपइया खर्च करने वालों के लिए. इस वीडियो में हम बताएंगे भारत में इलेक्ट्रिक व्हिकल को लेकर क्या कॉमन समस्याएं हैं, सरकार क्या कर रही है और भारत की सड़कों पर कितनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ रही है? लेकिन उससे पहले जेब पर असर डालने वाली खबरें देखते हैं.
वित्त मंत्रालय ने RBI को निर्देश दिया है कि लीगल लोन एप्स की एक लिस्ट बनाई जाए ताकि फर्जी लोन एप को अलग किया जा सके और आईटी मिनिस्ट्री को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि लीलग लोन एप ही एप स्टोर पर उपलब्ध हों
1 अक्टूबर या उसके बाद म्यूचुअल फंड्स के लिए सब्सक्राइब करने वाले निवेशकों के लिए नॉमिनेशन डिटेल भरना अनिवार्य होगा. जो निवेशक नॉमिनेशन डिटेल नहीं भरना चाहते, उन्हें एक डिक्लेरेशन भरना होगा, जिसमें नॉमिनेशन की सुविधा नहीं लेने की घोषणा करनी होगी.
एक रिपोर्ट के मुताबिक जियो और एयरटेल 5G के डेटा प्लान में वृद्धि नहीं करेंगे लेकिन ऐसा केवल लॉन्च के शुरुआती चरण में ही होगा. इसके पीछे दो कारण बताए जा रहे हैं एक तो 5जी मोबाइल अभी सभी की पहुंच में नहीं है और कई मोबाइल फोन 5जी को चलाने की क्षमता नहीं रखते.
केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर 20 फीसदी ड्यूटी लगाने का फैसला किया है. साथ ही देश में चावल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए टुकड़ा चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है.
अब बात इलेक्ट्रिक व्हिकल की. भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को आए अभी पांच साल ही हुए हैं, इसलिए अभी तो इस इंडस्ट्री में ट्रायल-एरर, नए नए एक्पिरेमेंट का दौर चल रहा है. लेकिन अब भारत में लाखों इलेक्ट्रिक गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही है. और ऐसे गंभीर मामले सामने आ रहे हैं. वीडियो भयानक है. अब मिनिस्ट्रीज ऑफ हेवी व्हिकल के आंकड़ों पर नजर डालिए-
भारत की सड़कों पर इस समय 13,34,385 इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ रही हैं. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 3,37,180 इलेक्ट्रिक गाड़िया हैं लेकिन चार्जिंग स्टेशनंस केवल 16 और 207 चार्जिंग स्टेशन सैंक्शन किए हैं. इसके बाद दिल्ली में 1,56,393 इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं और चार्जिंग स्टेशन 94, फिर नंबर आता है महाराष्ट्र का जहां 1,16,646 इलेक्ट्रिक वाहन हैं. इसके बाद कर्नाटक जहां 1,20,532, बिहार में 83,335, राजस्थान में 81,338 ईवी हैं और बाकी लिस्ट तो आपने देखी.
अब इस बीच सरकार क्या कर रही है. सरकार ने 2015 में FAME इंडिया स्कीम यानी Faster Adoption &
Manufacturing of Electric Vehicles in India को लॉन्च किया ताकि पेट्रोल डीजल पर निर्भरता कम हो और
इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल बढ़े...इसके तहत सब्सिडी दी जाती है. इस स्कीम के फेज 2 के लिए और 10 हजार करोड़ का बजट दिया गया. इसका असर कितना है और कब तक दिखेगा ये अभी भी सवाल है. फिर सरकार ने बैटरी को लेकर भी योजना शुरू की ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के खर्च को कम किया जा सके. इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले जीएसटी को सरकार ने 12% से घटा कर 5% कर दिया और चार्जिंग स्टेशन पर लगने वाले जीएसटी को 18% से घटा कर 5% कर दिया.
लेकिन चुनौतियां अभी भी बनी हुई है. इन चैलेंजेज पर ध्यान दें तो पहला है इलेक्ट्रिक व्हिकल की कीमत. ये इंजन वाली गाड़ियों के मुकाबले महंगी हैं, सस्ती गाड़ियां भी हैं लेकिन उनकी क्वालिटी के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. दूसरा, इनकी बैटरी को लेकर समस्या, हमेशा डर बना रहता है कि कहीं बैटरी ना खत्म हो जाए, फुल चार्ज में आप कितनी दूर तक जा पाएंगे? ये एक मसला है, अब आप भले ही चार्जर लेकर घूमें लेकिन हर जगह चार्जिंग स्टेशन तो है नहीं. फिर हाल ही में कई इलेक्ट्रिक गाड़ियों में हुए विस्फोट ने सबको डरा रखा है. आपके क्षेत्र में टेंप्रेचर कैसा है ये भी ईवी पर असर डालता है ऐसी बहस भी हो रही है. ईवी ना तो उत्तराखंड-मेघालय जैसी ठंडी जगहों के लिए बेहतर है और ना ही राजस्थान-केरल जैसी गर्म जगहों के लिए. लोग तो ये भी पूछ देते हैं कि भई जहां चढ़ाई आएगी क्या वहां ये ईवी लोड ले पाएगी?..दो लोगों को संभाल लेगी...?
ऐसे कई सवाल हैं लेकिन ईवी इंडस्ट्री के पास फिलहाल इनके कोई ठीक ठीक जवाब नहीं है.
भारत में इलेक्ट्रिक व्हिकल को लेकर चैलेंजेज पर हमने बात की OBEN इलेक्ट्रिक व्हिकल प्रा. लि. की को फाउंडर मधुमिता अग्रवाल से जो भारत में ईवी बनाने वाली कंपनी को लीड करने वाली पहली महिला भी हैं. देखिए वीडियो.
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