बैंक कर्मचारियों के संगठनों ने वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल की चेतावनी दी है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने इस हड़ताल का आह्वान किया है. बैंक कर्मचारियों के वेतन संशोधन का मामला नवंबर 2017 से लंबित है.
यूएफबीयू ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ कर्मचारी संगठनों का निकाय है.
श्रम आयुक्त के साथ बैठक रही बेनतीजा
एआईबीओसी के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त के साथ 27 जनवरी को हुई बैठक में किसी तरह का नतीजा निकल कर सामने नहीं आया. इसीलिए कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल नोटिस को वापस नहीं लिया है. बैंक कर्मचारियों के वेतन संशोधन का मामला दो साल से पड़ा हुआ है.
'हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं'
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने एक बयान में कहा कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की तरफ से कोई स्पष्ट पहल नहीं की गयी है इस वजह से हड़ताल को लेकर दिया गया नोटिस कायम है. उन्होंने कहा,
‘‘आईबीए के अड़ियल रुख के कारण हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. हड़ताल के कारण कामकाज प्रभावित होगा. इसको देखते हुए बैंक ग्राहकों से सहयोग की अपील करते हैं.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत कई बैंकों ने ग्राहकों को सूचित किया है कि 31 जनवरी से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से कामकाज कुछ हद तक प्रभावित होगा. अगर प्रस्तावित हड़ताल होती है, तो यह बजट सत्र शुरू होने के साथ होगी. 2020-21 का बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा.
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