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EU सांसदों ने तनाव और झड़पों के बीच लिया कश्मीर का जायजा

इस प्रतिनिधिमंडल की आलोचना की जा रही है, क्योंकि यह सामने आया है कि इनमें से कई सदस्य दक्षिणपंथी पार्टियों से हैं.

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यूरोपीय सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कश्मीर के जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर पहुंचा. हिंसा की छिटपुट घटनाओं और बंद के कारण क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण है. पांच अगस्त को धारा-370 के हटने के बाद कश्मीर का दौरा करने वाला यह पहला विदेशी प्रतिनिधिमंडल है.

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प्रतिनिधिमंडल यहां के एक पांच सितारा होटल में पहुंचा. इसके बाद उन्हें बादामी बाग में सेना के 15-कोर मुख्यालय में ले जाया गया, जहां सेना के टॉप कमांडरों ने उन्हें कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी.

इस प्रतिनिधिमंडल की आलोचना की जा रही है, क्योंकि यह सामने आया है कि इनमें से कई सदस्य इटली, फ्रांस और जर्मनी में दक्षिणपंथी पार्टियों से ताल्लुक रखते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती (जो अपनी मां का ट्विटर अकाउंट चलाती हैं) ने पोस्ट किया, "श्रीनगर में आज पथराव और बड़े पैमाने पर बंद होने की रिपोर्ट है. आश्चर्य है कि ज्यादातर दक्षिणपंथी झुकाव वाले इस्लामोफोबिक ईयूएमपी के एक समूह को कश्मीर भेजने से भारत सरकार को क्या परिणाम मिलने की उम्मीद है? आप 90 लाख उत्पीड़ित कश्मीरियों से उम्मीद करते हैं कि वे उनके लिए रेड कॉर्पेट बिछाएंगे?"

कश्मीर में हो रही है हिंसा की घटनाएं

प्रतिनिधिमंडल को जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस से भी जानकारी लेनी है. इस यात्रा से हालांकि कश्मीर में हिंसा भड़क उठी है. श्रीनगर के कई इलाकों से पथराव और झड़प की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें चनपोरा, रामबाग, मैसूमा और बाकी के इलाके शामिल हैं. इन झड़पों में छह लोग घायल हुए हैं.

इस दौरान दुकानें और व्यवसाय बंद रहे और यहां तक कि निजी परिवहन सुविधाएं भी तनाव के मद्देनजर आम दिनों की तुलना में प्रभावित रहीं. कुछ क्षेत्रों में यातायात रोकने पर युवाओं ने सड़क पर जाम लगा दिया.

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा स्थित द्रबगाम में एक सुरक्षा गश्ती दल पर गोलीबारी की भी खबरें आई हैं. लेकिन अभी तक किसी के घायल होने की जानकारी नहीं है.

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