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बैंकों की गलती और घोटाले की मार, हर भारतीय को भरने पड़े 8000 रुपये

सरकारी बैंकों का बोझ उठाने में हर भारतीय अपने जेब से चुकाए हैं 8000 रुपए

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पंजाब नेशनल बैंक में घपला हुआ तो ये मत समझिए कि आपके जेब से कुछ नहीं गया. बैंक को लगे इस झटके की रकम एक तरह से आपके जेब से गई है. इसके अलावा भी बिल इतना बड़ा है कि गिनती बड़ी होती जा रही है.

अभी तक के हिसाब से कम से 20,000 करोड़ रुपए का चूना लग चुका है. इसके अलावा शेयर बाजार में सरकारी बैंक के शेयर जमीन पर आए हैं उसका नुकसान जोड़ेंगे होश उड़ाने के लिए काफी है.

पंजाब नेशनल बैंक जैसी ढेरों गलतियां हाल के दिनों में सरकारी बैंकों ने की है. घोटाले पर घोटाले, गलत फैसले और ऊपर वालों के के इशारों पर लिए गए ऐसे फैसले जिसमें बैकों को खोखला होना तय था.

आधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से सितंबर 2017 तक सरकारी बैंक में खराब लोन की रकम थी 7 लाख 34 हजार करोड़ रुपए. खराब लोन में वसूली मामूली ही होती है.

सरकारी बैंकों का बोझ उठाने में हर भारतीय अपने जेब से चुकाए हैं 8000 रुपए

मान लीजिए कि देश को करीब 7 लाख 34 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इस आधार पर हमने और आपने यानी देश के हर नागरिक ने सरकारी बैंकों के इस अरबों रुपए के गड्डे को भरने के लिए अपनी जेब से करीब 5,600 रुपए लगाया है. सोचिए 130 करोड़ भारतीयों में हर किसी का 5,600 रुपए स्वाहा हो गया है.

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सरकारी बैंक लुटे, पैसा लगा आपका

सरकारी बैंकों में फ्रॉड और लोन डूबा लेकिन इसे ठीक करने में पैसा हमारा आपका गया. यानी टैक्स पेयर्स का. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के हिसाब से नाकामी की वजह से बैंकों का जो बुरा हाल हुआ उसे सुधारने के लिए सरकार ने 11 साल में 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए दे दिए. यानी हर भारतीय की जेब पर इसका बोझ पड़ा 2,000 रुपए.

सरकारी बैंकों का बोझ उठाने में हर भारतीय अपने जेब से चुकाए हैं 8000 रुपए

तो इस तरह देश के सरकारी बैंकों की बर्बादी की वजह से हम सब अपनी जेब से औसतन 7,600 रुपए का दे चुके हैं जरा सोचिए 130 करोड़ भारतीयों में हर किसी पर 7600 रुपए का बोझ.

कहां देश को बदलने की बात हो रही है. जेब में पैसे आने की बात हो रही थी पर इसके ठीक उलट, बैंकों की नाकामी की वजह से हम सबकी जेब ढीली हो रही है.

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