सु्प्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए नामित होने के बाद सियासी घमासान शुरू हो चुका है. विपक्षी दल गोगोई के राज्यसभा जाने पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने भी इस मामले पर बयान दिया है. सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके जस्टिस कुरियन जोसेफ ने इसे नैतिक मूल्यों से समझौता बताया है. उन्होंने कहा है कि ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के मूल्यों से समझौता है.
जस्टिस कुरियन सुप्रीम कोर्ट के उन जजों में शामिल थे जिन्होंने मीडिया के सामने आकर कहा था कि न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है. इन जजों में रंजन गोगोई भी शामिल थे. मीडिया के सामने आकर बयान देने वाले जजों में जस्टिस जे चेलमेश्वर, मदन बी लोकुर, रंजन गोगोई और जस्टिस जोसेफ कुरियन शामिल थे.
जस्टिस कुरियन ने पूर्व सीजेआई गोगोई के राज्यसभा जाने को लेकर कहा,
“मेरे हिसाब से पूर्व सीजेआई का राज्यसभा सदस्य के तौर पर इस नियुक्ति को स्वीकार करने से आम आदमी के मन में न्यायापालिका को लेकर विश्वास हिल जाएगा. ये देश के संविधान का एक अहम हिस्सा है.”जस्टिस कुरियन
जस्टिस कुरियन जोसेफ ने रंजन गोगोई के मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखने वाली घटना को भी याद किया और कहा कि वो हैरान हैं कि गोगोई ने राज्यसभा के लिए नामांकन कैसे स्वीकार कर लिया.
क्या बोले पूर्व सीजेआई गोगोई?
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए नामित होने पर जमकर बवाल शुरू हो चुका है. इस बवाल के बीच खुद रंजन गोगोई ने सामने आकर बयान दिया. उन्होंने कहा,
“मैं शायद कल दिल्ली जाउंगा. पहले मुझे शपथ लेने दीजिए, उसके बाद मैं विस्तार से मीडिया से बात करूंगा और बताउंगा कि मैंने ये क्यों स्वीकार किया और मैं क्यों राज्यसभा जा रहा हूं.”पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई
बता दें कि सोमवार 16 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया था. जस्टिस गोगोई नवंबर 2019 में ही भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के तौर पर करीब 13 महीने के अपने कार्यकाल के बाद रिटायर हुए थे.
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