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जेल में बंद DU के पूर्व प्रोफेसर GN साईबाबा कोरोना से संक्रमित

साईबाबा 90 फीसदी विकलांग है, उन्हें माओवादियों से संबंध होने का आरोप में जेल में बंद कर रखा है

Published
भारत
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दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा नागपुर सेंट्रल जेल में कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. माआवादियों से संबंध रखने के चलते जी एन साईबाबा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. साईबाबा के साथ 4 अन्य लोग भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

जेल अधीक्षक अनूप कुमरे ने जीएन साईबाबा, गैंगस्टर अरुण गवली समेत 4 लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की जानकारी दी. जेल अधीक्षक ने कहा कि जी एन साईबाबा को मेडिकल जांच कराई जाएगी. डॉक्टर की सलाह के बाद ही यह तय किया जाएगा कि उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज या अस्पताल में इलाज के लिए भेजा जाए या नहीं.

बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा ने पिछले साल जेल में कोरोना संक्रमण का हवाला देकर जमानत मांगी थी.

कौन है जी एन साईबाबा

आंध्रा प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले जी एन साईबाबा दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रह चुके हैं. नक्सलियों से संबंध रखने के आरोप में महाराष्ट्र की गढ़चिरौली की एक अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है. वर्ष 2014 में जी एन साईबाबा को माओवादियों को समर्थन देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. मई 2014 में साईबाबा के साथ JNU के छात्र हेम मिश्रा और पूर्व पत्रकार प्रशांत राही समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था.

बताया जाता है कि जी एन साईबाबा आदिवासियों-जनजातियों के लिए आवाज उठाते रहे हैं. अखिल भारतीय पीपुल्स रेजिस्टंस फोरम के कार्यकर्ता के तौर पर, जी एन साईबाबा ने कश्मीर और उत्तर-पूर्व में मुक्ति आंदोलनों के समर्थन में दलित और आदिवासी अधिकारों के प्रचार करने के लिए करीब 2 लाख किलोमीटर की यात्रा की थी. जी एन साईबाबा शारीरिक रूप से 90 फीसदी विकलांग हैं.

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