नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी ने अपनी शुरुआती जांच में उरी अटैक में 6वीं बिहार रेजीमेंट के पूरे शस्त्रागार के नष्ट होने की पुष्टि की है.
एनआईए के मुताबिक, हमले में हाई-एंड मशीन गन्स खराब हुई हैं. ये हमला उस वक्त हुआ, जब 6वीं बिहार रेजीमेंट 10वीं डोगरा रेजीमेंट को कार्यभार सौंपने की तैयारी कर रही थी.
आर्मी से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि उरी अटैक के इससे भी ज्यादा बुरे अंजाम हो सकते थे, अगर रॉ, इंटेलिजेंस ब्यूरो और मिलिट्री इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट आतंकी हमले के शिकार हो जाते. ये एजेंसियां भी उरी आर्मी हेडक्वार्टर से ऑपरेट करते हैं.
एनआईए और आर्मी की नॉर्दन कमांड से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इस अटैक में 800 से 1000 के बीच हथियार खराब होने से आर्मी को काफी गहरा झटका लगा है. 6वीं बिहार रेजीमेंट इससे काफी परेशान है, क्योंकि इस अटैक में काफी मात्रा कैश का भी नुकसान हो गया.
एनआईए इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी भी ये पता लगना बाकी है कि आतंकियों ने टैंट में आग लगाने के लिए किस ज्वलनशील मेटेरियल का इस्तेमाल किया.
जांचकर्ताओं के मुताबिक, ये हाई ग्रेड ज्वलनशील पदार्थ हो सकता है. इसके अलावा जांचकर्ताओं को इस चीज ने सबसे ज्यादा परेशान किया है कि इतने असुरक्षित टैंट में हथियार और सैनिकों को क्यों रखा गया.
सूत्रों ने द क्विंट को बताया है कि 4 आतंकियों ने 18 सितंबर की सुबह आतंकी हमले को अंजाम देने से पहले सेना मुख्यालय के आसपास के इलाके का रेकी की थी.
सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों को ढेर करने वाले जवानों के अनुसार, आतंकियों को सेना मुख्यालय की अच्छी खासी जानकारी थी.
आर्मी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, उरी अटैक को एक बड़ा हमला माना जा रहा है क्योंकि सरकार पाकिस्तान बेस्ड आतंकियों पर भविष्य में और सर्जिकल स्ट्राइक करने का विचार कर रही है.
सुरक्षा में चूक से जुड़ी जानकारी को जारी नहीं किया जा रहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक आर्मी मुख्यालय के लिए काम करने वाले मालवाहकों ने आतंकियों की मदद की. आतंकियों ने सेना मुख्यालय के ठीक पीछे पहाड़ी को पार करके देवी पोस्ट के निकट सुबह 4:30 बजे फेंसिंग काटकर मुख्यालय में घुसे.
आर्मी ऑफिसर्स ने एनआईए को बताया है कि दो सैनिकों ने एक अनजान व्यक्ति को देखा. उन्होंने अंजान व्यक्ति से पूछा कि वह कौन है. इसके बाद आतंकियों ने गोलियां चलाना शुरू कर दिया. इसके बाद आतंकियों ने जल्दी से सैनिकों के टेंट में आग लगाकर गोलियां चलाना शुरू कर दिया. इसमें 6वीं बिहार बिग्रेड के आठ खानसामों की जान गई.
एक सूत्र के मुताबिक, जब 4 आतंकी ऑफिसर्स मेस की तरफ बढ़े, तो सेना के जवानों ने आतंकियों को वहीं ढेर कर दिया. इसके बाद एंटी-माइन टैंक आने के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई और 2 आतंकियों को ढेर कर दिया गया. हालांकि, बाकी बचे दो आतंकियों को मारने में काफी वक्त लगा.
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