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EXCLUSIVE: अखलाक के बेटे ने कहा- सांप्रदायिक साजिश थी दादरी घटना

सरताज अखलाक का कहना है कि दादरी घटना की साजिश दो समुदायों में तनाव फैलाने के लिए की गई थी.

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हम आज तक नहीं जानते कि किसने हमारे गोमांस खाने की अफवाह फैलाई. हमें ये भी नहीं पता कि कोई हमारे परिवार के खिलाफ साजिश क्यों करेगा. मैं अपने पिता को वापस नहीं पा सकता. मुझे और मेरे परिवार को हमेशा इस दर्द के साथ जीना होगा. किसी ने जान-बूझकर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए यह अफवाह फैलाई थी. 
सरताज अखलाक, मुहम्मद अखलाक का सबसे बड़ा बेटा  

यह कहना था सरताज अखलाक का, जिसके पिता की गोमांस खाने की अफवाह के चलते पिछले सितंबर में दादरी में भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी. कथित तौर पर मांस खाने की वजह से बिसाहड़ा गांव के अखलाक को भीड़ ने क्रूर तरीके से मार डाला था.

ई-मेल के जरिए द क्विंट को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सरताज ने कहा कि वे उनके पिता की हत्या की जांच से संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि उन्होंने सीबीआई जांच की मांग नहीं की.

उन्होंने कहा कि मुख्य षड्यंत्रकारी अब भी बाहर हैं, पुलिस को उन्हें पकड़ने की कोशिश करनी चाहिए. उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़ित परिवार द्वारा बताए गए 17 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है.

हम वापस अपने गांव नहीं जाना चाहते. हमें डर है, क्योंकि आरोपियों के परिवार हमारे पड़ोस में ही रहते हैं. मेरी नौकरी की वजह से मुझे कभी भी वापस जाना पड़ सकता है, तो ऐसे में मैं अपने परिवार को अकेला नहीं छोड़ना चाहता.
सरताज अखलाक, मुहम्मद अखलाक का सबसे बड़ा बेटा  

भारतीय वायुसेना में टेक्नीशियन सरताज इस समय नई दिल्ली के कैंट इलाके में अपने सात लोगों के परिवार के साथ रह रहे हैं. उनका भाई दानिश, जिसे अपने पिता के साथ भीड़ की क्रूरता का सामना करना पड़ा था, अभी स्वस्थ नहीं हो सका है. दानिश के चेहरे का दायां हिस्सा उस घटना की चोटों के कारण लकवाग्रस्त हो गया है.

मेरा भाई भारतीय पुलिस सेवा में जाना चाहता था. वह यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. पर अब वह अगले एक साल तक परीक्षा में नहीं बैठ सकेगा.
सरताज अखलाक, मुहम्मद अखलाक का सबसे बड़ा बेटा  
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घटना के समय सरताज चेन्नई में पोस्टेड था. घटना की रात 11 बजे जब उसे अपने परिवार पर हुए हमले की जानकारी मिली, तो वह सन्न रह गया था. जब उसने अपने पड़ोसियों को फोन किया, तो किसी ने उसका फोन नहीं उठाया था.

आश्चर्यजनक रूप से पुलिस ने मंदिर से घोषणा करने वाले पुजारी से इस मामले में पूछताछ करने की जरूरत नहीं समझी, जबकि यह साफ है कि उससे पूछताछ करने से कई सवालों के जवाब मिल जाते.

मैंने अपने गांव में इससे पहले कभी सांप्रदायिक तनाव महसूस नहीं किया था. जब मुझे पता चला कि मंदिर के लाउडस्पीकर से घोषणा की गई, तो मैं हैरान रह गया. मैं उस गांव में बड़ा हुआ हूं. भजन के अलावा उस लाउडस्पीकर पर मैंने कभी कुछ नहीं सुना था.  
सरताज अखलाक, मुहम्मद अखलाक का सबसे बड़ा बेटा  

और भी चौंकाने वाली बात यह है कि अब किसी को नहीं पता कि पुजारी कहां है. सवाल यह है कि क्या पुलिस षड्यंत्रकारियों को बचाना चाह रही है?

हमारे परिवार का कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ. पड़ोसियों से हमारे रिश्ते दोस्ताना थे. हमें आज तक समझ नहीं आया कि हम पर हमला क्यों किया गया.

क्या आपको लगता है भारत असहिष्णु है?

इस सवाल पर सरताज कहते हैं, “दिल का एक कोना खाली हो गया है, जिसे भरना मुश्किल है”, पर सरताज का मानना है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होती है.

मुझे नहीं लगता कि भारत असहिष्णु है. पर हमें अपने विचारों को थोड़ा और खुला रखना होगा.
सरताज अखलाक, मुहम्मद अखलाक का सबसे बड़ा बेटा  

सरताज आज भी अपने बचपन के दोस्तों के संपर्क में हैं. वे कहते हैं कि उनके और दोस्तों के बीच अब भी कुछ नहीं बदला. उनके ज्यादातर दोस्त हिंदू हैं. वे सब चाहते हैं कि अखलाक का परिवार वापस आए. पर सरताज को अभी न्याय का इंतजार है.

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