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फैब इंडिया ने हटाया 'जश्न-ए-रिवाज' वाला विज्ञापन, BJP नेताओं ने किया था विरोध

Fabindia के बायकॉट को लेकर लगातार चलाया जा रहा था ट्रेंड, दीवाली को उर्दू नाम देने पर आपत्ति

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भारत
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कपड़ों के भारतीय ब्रैंड फैब इंडिया (Fabindia) ने विवाद के बाद अपना विज्ञापन वापस ले लिया है. अपने कपड़ों के कलेक्शन के लिए फैब इंडिया ने एक विज्ञापन जारी किया था, जिसे जश्न-ए-रिवाज का नाम दिया गया. इस विज्ञापन के जारी होते ही बीजेपी नेताओं ने ब्रैंड के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बीजेपी नेताओं ने कहा कि दीवाली को उर्दू का नाम देकर फैब इंडिया ने हिंदू त्योहार का अपमान किया है. हालांकि फैब इंडिया की तरफ से साफ किया गया है कि ये उनका दीवाली कलेक्शन नहीं है.

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बता दें कि फैब इंडिया की तरफ से बताया गया था कि जश्न-ए-रिवाज कलेक्शन का मतलब भारतीय संस्कृति और उसकी खूबसूरती को दिखाना है.

Fabindia के बायकॉट को लेकर लगातार चलाया जा रहा था ट्रेंड, दीवाली को उर्दू नाम देने पर आपत्ति

क्यों शुरू हुआ विवाद?

फैब इंडिया के इस प्रमोशनल विज्ञापन में फेस्टिव सीजन का एक खास कलेक्शन पेश किया गया था. जिसे जश्न-ए-रिवाज का टाइटल दिया गया. इसी टाइटल से हिंदू संगठनों और बीजेपी नेताओं को आपत्ति थी. उनका कहना था कि हिंदू त्योहारों को ऐसे नाम देना सही नहीं है.

इसके बाद बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्य समेत तमाम बीजेपी समर्थकों ने फैब इंडिया बायकॉट की मुहिम छेड़ दी. कंपनी पर दबाव बनाया गया कि वो अपने इस विज्ञापन को वापस ले. जिसके बाद आखिरकार फैब इंडिया ने इस विज्ञापन को वापस लिया है.
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फैब इंडिया ने कहा- ये हमारा दीवाली कलेक्शन नहीं

फैब इंडिया की तरफ से इस विवाद के बाद बताया गया है कि, "जश्न-ए-रिवाज" कलेक्शन हमारा सभी त्योहारों के सेलिब्रेशन के लिए है. जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है. ये कलेक्शन दीवाली के प्रोडक्ट्स के लिए नहीं था. हमारा दीवाली कलेक्शन अभी लॉन्च होना बाकी है, जिसका नाम- "झिलमिल सी दीवाली" है.

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विज्ञापनों पर पहले भी हो चुके हैं विवाद

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब किसी विज्ञापन को सांप्रदायिक चश्मे से देखा गया हो और उस पर विवाद हुआ हो. इससे पहले भी बीजेपी नेताओं और हिंदू संगठनों ने ऐसे कई विज्ञापनों पर आपत्ति जताई और उस ब्रैंड के खिलाफ मुहिम चलाई गई. जिसके बाद लगभग हर मामले में नुकसान को देखते हुए कंपनी को विज्ञापन वापस लेना पड़ा. ज्वैलरी ब्रैंड तनिष्क ने जब हिंदू-मुस्लिम शादी को लेकर एक विज्ञापन जारी किया था तो उस पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा. ऐसा ही विवाद सर्फ एक्सेल के होली विज्ञापन के साथ भी हुआ.

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