बीजेपी और फेसबुक के संबंधों को लेकर विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर इसे लेकर जमकर हमला बोला है. उन्होंने अपने ट्विटर पर कहा कि हम किसी भी हाल में पक्षपात, फेक न्यूज और हेट स्पीच से मुश्किल से पाए हमारे लोकतंत्र को नुकसान नहीं पहुंचने देंगे. उन्होंने कहा कि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने जो खुलासा किया है उस पर हर भारतीय को सवाल पूछना चाहिए.
फेसबुक इंडिया के खिलाफ कांग्रेस का लेटर
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को लिखी कांग्रेस की चिट्ठी भी पोस्ट की. इस चिट्ठी में फेसबुक इंडिया के बीजेपी के साथ रिश्तों और सांठगांठ का जिक्र किया गया है. कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्री केसी वेणुगोपाल की तरफ से लिखी इस चिट्ठी में कहा गया है,
“ये कम्युनिकेशन भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल कांग्रेस की तरफ से किया जा रहा है. हमें यकीन है कि आपने द वॉल स्ट्रील जर्नल के पहले पेज पर 14 अगस्त को छपी स्टोरी को पढ़ा होगा. जिसमें बताया गया है कि कैसे भारत में फेसबुक कंटेंट की स्क्रूटनी में पक्षपात किया गया. इस आर्टिकल में फेसबुक इंडिया की लीडरशिप पर सीधे आरोप लगाए गए हैं कि उसने एक राजनीतिक पार्टी बीजेपी को सपोर्ट किया. बीजेपी के नेताओं ने लगातार हेट स्पीच फैलाने का काम किया, लेकिन फेसबुक की तरफ से उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया.”
‘अंखी दास ने किया बीजेपी का समर्थन’
कांग्रेस ने अपने इस लेटर में फेसबुक एक्जीक्यूटिव अंखी दास का नाम भी लिया है. उन्होंने कहा है कि अंखी दास ने बीजेपी का चुनाव संबंधी मुद्दों में काफी समर्थन किया. ये काफी गंभीर आरोप हैं कि फेसबुक इंडिया ने भारत की इलेक्टोरल डेमोक्रेसी में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है.
कांग्रेस ने जकरबर्ग को लिखा है कि आपकी कंपनी हमारे उन लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने की कोशिश कर रही है, जिनके लिए हमारे नेताओं ने अपनी जान की बाजी लगा थी. इतना ही नहीं कांग्रेस ने फेसबुक पर आरोप लगाया कि उसने पहले की गई शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की. साथ ही कहा गया है कि फेसबुक और वॉट्सऐप के लिए भारत एक बड़ा बाजार है. जहां इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं. इसके बाद कंपनी की देश के लोगों के लिए जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है.
कांग्रेस ने रखी मांगें
कांग्रेस ने चिट्ठी को खत्म करते हुए जकरबर्ग को लिखा कि अभी भी कोई देर नहीं हुई है. फेसबुक अपनी गलतियों को सुधार सकता है. कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले की हाई लेवल जांच होनी चाहिए. चिट्ठी में फेसबुक को कहा गया है,
“फेसबुक हेडक्वॉर्टर की तरफ से मामले की हाई लेवल जांच होनी चाहिए. जिसमें फेसबुक इंडिया की लीडरशिप और उनके काम करने के तरीके को देखना चाहिए. साथ ही ये जांच रिपोर्ट तय समय में आ जानी चाहिए, इसके लिए एक या दो महीने लग सकते हैं. लेकिन जब भी रिपोर्ट आए तो इसे सार्वजनिक किया जाए.”
इसके अलावा कांग्रेस ने अपनी दूसरी मांग में कहा कि साल 2014 के बाद फेसबुक पर नेताओं के जरिए किए गए हर हेट स्पीच पोस्ट की जानकारी भी देनी चाहिए. जिन्हें फेसबुक इंडिया ने इजाजत दी. रिपोर्ट के मुताबित बीजेपी के तीन नेताओं की पोस्ट को जानबूझकर नहीं हटाया गया, इसीलिए अगर जांच होती है तो ऐसी हजारों पोस्ट निकलकर सामने आ सकती हैं.
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