फेसबुक (Facebook) कंपनी के मालिक मार्क जकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट लिखकर जानकारी दी है कि उन्होंने फेसबुक की हेट स्पीच पॉलिसी को अपडेट किया है, जिससे कि किसी होलोकॉस्ट को रोका जा सके. ऐसे में जो भी पोस्ट फेसबुक पर नफरत, अपराध, सामुहिक हत्या और होलोकॉस्ट को बढ़ावा देते हैं, उनके पोस्ट को हटा दिया गया है.
मार्क जकरबर्ग ने फेसबुक पर लिखा-
आज हम अपनी हेट स्पीच पॉलिसी को अपडेट कर रहे हैं हमने ऐसे पोस्ट को हटा दिया है जो नफरत, अपराध, सामुहिक हत्या और होलोकॉस्ट का महिमामंडन करते हैं. लेकिन एंटी-सेमीटिज्म जिस तेजी से बढ़ रहा है, हम हमारी नीति को उसके मुताबिक बदल रहे हैं ताकि हम एसे कंटेट को रोक सकें जो होलोकॉस्ट से इनकार करते हों. अगर लोग फेसबुक पर होलोकॉस्ट के बारे में सर्च करें, तो हम यूजर को सही सोर्स तक ले जाने का काम करेंगे. मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और होलोकॉस्ट को कम आंकने या खंडन करने के बीच तनाव को लेकर संघर्ष करता रहता हूं. जब मैंने देखा कि एंटी-सेमिटिक हिंसा से जुड़ा डेटा बढ़ रहा है तो हमने अपनी हेट स्पीच से जुड़ी पॉलिसी का दायरा बढ़ाया. क्या स्वीकार किया जाना चाहिए और क्या नहीं इसके बीच रेखा टेढ़ी खीर है. लेकिन दुनिया की अभी जैसी स्थिति है, मुझे लगता है कि ये किया जाना सही है.मार्क जकरबर्ग, फेसबुक
भारत में फेसबुक पर लगे थे हेट स्पीच को बढ़ावा देने के आरोप
इसी साल अगस्त महीने में फेसबुक पर बीजेपी नेताओं की हेट स्पीच पोस्ट को न हटाने का आरोप लगा था. इस मामले में फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास का नाम आया था. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की खोजी रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे फेसबुक इंडिया की पॉलिसी एग्जीक्यूटिव अंखी दास ने कैसे कुछ बीजेपी से जुड़े नेताओं जैसे अनंत हेगड़े, टी राजा सिंह के मामले में हेट स्पीच नियमों का उल्लंघन किया.
इसके बाद टाइम की एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक, जुलाई 2019 में फेसबुक के भारत और साउथ एशिया में पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर शिवनाथ ठकराल थे. उस समय हेट स्पीच पोस्ट्स पर नजर रखने वाली संस्था 'आवाज' ने 180 ऐसी पोस्ट के बारे में फेसबुक को बताया था, जो उनकी पॉलिसी का उल्लंघन करते थे. इन पोस्ट में से एक असम से बीजेपी नेता शिलादित्य देव का नाम था. इसमें देव ने एक मुस्लिम शख्स के एक लड़की के साथ बलात्कार करने की खबर को 'हेट स्पीच' के साथ शेयर किया था.
फेसबुक पर दुनियाभर के कई देशों में गंभीर आरोप लग चुके हैं. अमेरिका में तो खुद सीईओ मार्क जकरबर्ग को सीनेट में माफी मांगनी पड़ी थी.
संसदीय समिति ने फेसबुक को किया था समन
अगस्त महीने में ही इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की पार्लियामेंट कमेटी ने फेसबुक को समन किया था. जिसमें फेसबुक के प्रतिनिधि को बुलाया गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)