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कश्मीरी IAS और SP में कश्मीर हिंसा को लेकर फेसबुक पर हुई तकरार

IAS रुवेदा सलाम की टिप्पणी से नाराज होकर SP हरमीत सिंह ने उन्हें अलगाववादी समूहों के साथ जाने की नसीहत दे दी.

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कश्मीर में बुरहान वानी केस के बाद हिंसा लगातार बढ़ती गई और छिटपुट रुप में जारी है. आंकड़ों के मुताबिक कुल 53 मौतें हो चुकी हैं. लोगों ने अपना गुस्सा अलग-अलग तरीके से जाहिर किया. कुछ ने सेना को निशाना बनाया तो कुछ ने सरकार को जिम्मेदार माना.

इनमें से ही एक कश्मीर की आईएएस रुवेदा सलाम ने फेसबुक पर अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. रुवेदा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कश्मीर की सरकार पर ठीक समय पर कार्रवाई न करने के आरोप के साथ हिपोक्रेसी का भी आरोप लगाया.

रुवेदा के मुताबिक,

मतदाताओं को लुभाने के लिए ये (पीडीपी) हरा रंग (इस्लाम में हरा रंग धार्मिक प्रतीक है) पहनते हैं, उसके बाद घाटी की गलियों को लाल रंग (खून) से रंग देते हैं. उसके बाद ये उसी धर्म की नैतिकता पर सवाल उठाते हैं जिसके प्रतीक चिन्हों से ये अपने गंदे काम छुपाते हैं. दोगलेपन की इससे ज्यादा इंतेहा नहीं हो सकती.

SP ने किया सलाम का विरोध

सलाम की टिप्पणी से कई लोगों की भौंहें तन गई. लेकिन अजीब बात ये रही कि फेसबुक पर उनका सबसे ज्यादा विरोध सोपोर के एसपी हरमीत सिंह मेहता ने किया. मेहता ने सलाम से इस्तीफे की मांग कर अलगाववादी समूहों में शामिल होने तक की नसीहत दे डाली.

सरकार के खिलाफ जहर फैलाने के जुर्म में सरकार को तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. अच्छा होगा तुम इस्तीफा देकर अलगाववादियों के साथ शामिल हो जाओ. कश्मीर को अफगानिस्तान बना दो और वो भी आप जैसे लोग मैडम सिविल सर्वेंट!
हरमीत सिंह, एसपी सोपोर
IAS रुवेदा सलाम की  टिप्पणी से नाराज होकर SP हरमीत सिंह ने उन्हें अलगाववादी समूहों के साथ जाने की नसीहत दे दी.

सलाम ने मेहता को जवाब देते हुए ये साफ किया कि उन्होंने जो लिखा वो उसके साथ खड़ी है. सलाम ने लिखा,

मुझे कोई आपत्ति नही है कि जम्मू-कश्मीर के एक पुलिस अॉफिसर ने मुझे मूर्ख कहा है. हालांकि ये बुरे मनोभावों के साथ कहा गया था. मुझे अलगाववादियों के साथ जाने का कहकर आपने सिर्फ उस गलत आम धारणा को बताया है कि हर कश्मीरी आतंकवादी है. उन्हें चुप करा देना चाहिए या फिर पड़ोसी देश में धकेल दिया जाना चाहिए.
रुवैदा सलाम, आईएएस अॉफिसर

यह सरकारी अधिकारियों में फेसबुक पर बढ़ते झगड़ों में से एक है. इस तरह के विवाद कश्मीर के सरकारी अधिकारियों में पहले भी देखने को मिले हैं .

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