फेसबुक वोटर डेटा चोरी के मामले में भारत से जुड़ी हर रोज एक नई बात सामने आ रही है. इस खुलासे को दुनिया के सामने लाने वाले शख्स क्रिस्टोफर विली ने भारत में कंपनी के कामकाज पर जो खुलासे किए हैं वो राजनीतिक दलों की पोल खोलते हैं.
इनमें दावा किया गया है 2009 आम चुनाव समेत कई चुनाव में कैंब्रिज एनलिटिका की मूल कंपनी ‘स्ट्रेटेजिक कम्यूनिकेशन लेबोरेटरीज' (SCL) का दखल रहा है.
क्या है क्रिस्टोफर विली का ताजा दावा?
कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी के पूर्व कर्मचारी और डेटा चोरी मामले के व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफर विली का दावा है कि उससे सवाल पूछे जा रहे हैं जिसमें भारतीय चुनाव और SCL के लिंक के बारे जानकारी मांगी गई है.
क्रिस्टोफर विली का दावा है कि SCL या कैंब्रिज एनालिटिका ने भारत में कई चुनावों में काम किया है और भारत में इसका हेडक्वॉर्टर यूपी के गाजियाबाद में है. साथ ही 10 रीजनल ऑफिसेज भी हैं.
SCL इंडिया की कुछ खास जानकारी
SCL इंडिया के हेड कौन है?
कंपनी की साइट पर अभी भी इंडिया हेड के तौर पर अमरीश त्यागी को दिखाया जा रहा है. अमरीश त्यागी जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के बेटे हैं. कंपनी का हेड ऑफिस यूपी के गाजियाबाद में बताया जा रहा है.
कैंब्रिज एनालिटिका की मूल कंपनी SCL के पास भारत में 600 जिलों और 7 लाख गांवों के डेटाबेस हैं, जो लगातार अपडेट किए जा रहे हैं. देश में कंपनी (SCL प्राइवेट लिमिटेड) के 4 डायरेक्टर हैं. एलेक्जेंडर निक्स, एलेक्जेंडर वॉडिंग्टन ओक्स, अमरीश कुमार त्यागी और अवनीश राय.
अब अवनीश राय कौन हैं? द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अवनीश राय साल 1984 से ही देश के कई पार्टियों के राजनेताओं के इलेक्शन कंसल्टेंट रह चुके हैं. रिपोर्ट में अविनाश के SCL के लिंक के बारे में भी बताया गया है. दरअसल, 2009 के लोकसभा चुनाव में वो बीजेपी नेता महेश शर्मा के साथ काम कर रहे थे, राय को पूरा भरोसा था कि शर्मा चुनाव जीत लेंगे. लेकिन वो गौतमबुद्ध नगर सीट से बीएसपी उम्मीदवार सुरेंद्र नागर से हार गए. हार का अंतर था 16 हजार वोट. ऐसे में अवनीश राय अपने एक ब्रिटेन के दोस्त से इस हार का जिक्र कर रहे थे जिसका लिंक SCL से जुड़ा हुआ था. यहीं से अवनीश राय और SCL का साथ शुरू होता है. बाद में अमरीश त्यागी भी साझेदार बन गए.
करती क्या है ये कंपनी?
कंपनी का डेमोग्राफिक रिसर्च करती है, ऑनलाइन मैपिंग में भी उसे महारत हासिल है. कंपनी सबसे पहले अपने क्लाइंट के हिसाब से टारगेट ऑडिएंस का चुनाव करती है, फिर क्लाइंट के इच्छा के मुताबिक, टारगेट ऑडिएंस को प्रभावित करने की कोशिश करती है.
कब-कब रहा है SCL का भारत में दखल
2012, उत्तर प्रदेश
2012 में SCL ने राज्य में जातिगणना की थी, जहां जातिगत ढांचे को समझना और किसी पार्टी के वोटर के बारे में पता लगाना मकसद था.
2011, उत्तर प्रदेश
20 करोड़ की जनसंख्या के लिए रिसर्च कैंपेन चलाया गया. बूथ लेवल की रिसर्च की गई. इन आंकड़ों को बाद में चुनावी उम्मीदवारों के सामने रखा गया.
2009, आम चुनाव
2009 के आम चुनाव में कई लोकसभा उम्मीदवारों का कैंपेन इस कंपनी ने चलाया था.
2010, बिहार चुनाव
इस चुनाव में कंपनी ने जनता दल यूनाइटेड के लिए रिसर्च और स्ट्रेटेजी बनाई. बता दें कि इसी पार्टी के बड़े नेता के बेटे अमरीश भारत में SCL के मुखिया हैं.
2007, उत्तर प्रदेश
एक बड़ी पार्टी के लिए SCL ने पॉलिटिकल सर्वे कराया था.
2007, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड और यूपी
आतंक और जिहाद के खिलाफ एक कम्यूनिकेशन कैंपेन कंपनी ने एक साथ कई जिलों में चलाया.
2003, मध्य प्रदेश चुनाव
कंपनी ने एक नेशनल पार्टी के लिए चुनावी स्टडी की, जिसमें जातिगत ढांचे पर स्टडी की गई.
2003, राजस्थान
राजस्थान चुनाव में एक क्षेत्रीय पार्टी के लिए कंपनी ने इंटरनल और एक्सटर्नल सर्वे किया.
(( ये सारा दावा क्रिस्टोफर विली ने अपने ट्वीट में किया है, क्विंट इसकी पुष्टि नहीं करता है))
भारत में हेड ऑफिस को छोड़कर कंपनी के 10 रिजनल ऑफिस भी हैं
- अहमदाबाद
- बेंगलुरु
- कटक
- गाजियाबाद
- गुवाहाटी
- हैदराबाद
- इंदौर
- कोलकाता
- पटना
कैंब्रिज एनालिटिका की सफाई
क्रिस्टोफर विली के दावों पर कैंब्रिज एनालिटिका ने कहा है कि वो कंपनी में पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्टर थे, जुलाई 2014 के बाद उन्हें कंपनी के बारे में कोई सीधी जानकारी नहीं है.
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन ऑब्जर्वर की रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा चोरी कर लिए गए हैं. आरोप ब्रिटिश डेटा एनालिटिक्स फर्म ‘कैंब्रिज एनालिटिका’पर हैं. फर्म पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा को चुराने और उसका इस्तेमाल ‘चुनाव प्रचार’ में करने का आरोप है. फेसबुक भी अपनी गलती मान चुका है और कंपनी के मालिक मार्क जकरबर्ग ने इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी थी.
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