देश में चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रभावित करने की नीयत से ईवीएम हैकिंग की फेक न्यूज फैलाने वालों पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर ईवीएम हैकिंग से जुड़ीं एक फर्जी खबर वायरल होने पर चुनाव आयोग के निर्देश पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने केस दर्ज कराया है. आयोग ने कहा है कि फर्जी खबरों के मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.
मामला क्या है?
दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में आया कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ईवीएम हैकिंग से जुड़ी एक पुरानी फर्जी खबर वायरल हो रही है. 21 दिसंबर 2017 की तिथि की इस न्यूज क्लिप में दावा किया गया है कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा है कि एक विशेष राजनीतिक दल ईवीएम हैकिंग के जरिए चुनाव जीत रहा है. संज्ञान में आने के बाद पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति पूर्व में भी इस खबर को खारिज कर चुके थे. चुनाव आयोग ने अपने एक बयान में कहा है कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति के खंडन के बावजूद कुछ शरारती तत्व एक बार फिर से 2017 की वही पुरानी झूठी खबर फैलाने लगे हैं.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या कहा है?
जिस पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कृष्णमूर्ति ने बयान जारी करते हुए कहा, "मेरे संज्ञान में लाया गया है कि कुछ समय पहले एक हिदी अखबार में छपी फर्जी खबर को फिर से वायरल किया जा रहा है जैसे कि मैं ईवीएम और भारत में चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर संदेह करता हूं. यह आगामी चुनावों में गलत धारणा को बनाने के लिए शरारतपूर्ण हरकत है. मैं दोहराना चाहूंगा कि ईवीएम सबसे विश्वसनीय हैं और मुझे इसकी विश्वसनीयता पर कोई संदेह नहीं है. ईवीएम, वास्तव में हमारे राष्ट्र का गौरव है. इसकी विश्वसनीयता पर संदेह नहीं किया जा सकता."
इस मामले में चुनाव आयोग के निर्देश पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आईपीसी के सेक्शन 500 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के सेक्शन 128 के तहत केस दर्ज कराया है. फेक न्यूज के मामले की जांच चल रही है. आयोग का कहना है कि फेक न्यूज फैलाने वालों की पहचान कर इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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