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Fake News पर कौन कर लेता है आसानी से यकीन, IAMAI सर्वे में खुलासा

मेनस्ट्रीम मीडिया पर लोगों के भरोसे में आ रही कमी का भी फेक न्यूज फैलाने में बड़ा हाथ है.

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भारत
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देशभर में सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही फेक न्यूज के बीच एक सर्वे सामने आया है. सर्वे में दावा किया गया है कि 20 साल से कम और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग सोशल मीडिया पर वायरल फेक न्यूज पर आसानी से यकीन कर लेते हैं और उसे शेयर भी करते हैं. ये सर्वे फैक्टली और इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की ओर से किया गया है.

सर्वे के मुताबिक, पहली बार स्मार्टफोन चलाने वाले लोग (जो पिछले 1-3 साल से स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं) सोशल मीडिया पर फेक न्यूज जल्दी शेयर करते हैं. इसके अलावा मेनस्ट्रीम मीडिया पर लोगों के भरोसे में आ रही कमी का भी फेक न्यूज फैलाने में बड़ा हाथ है.

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एसोसिएशन की ये रिपोर्ट अलग-अलग उम्र के 891 लोगों पर आधारित है. इसमें इंटरनेट यूजर्स, प्रोफेशनल्स, बिजनेसमैन, सरकारी अफसर, मीडिया कर्मी समेत अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हैं. सर्वे में शामिल सभी लोगों को 11 खबरें दी गई. फिर उन्हें इन खबरों की सत्यता की पहचान करने के लिए कहा गया.

सर्वे में 21-30, 31-40 और 41-50 उम्र के 75 फीसदी लोगों ने आसानी से फेक न्यूज की पहचान कर ली. जबकि 15-20 साल के 60.6 फीसदी और 50 साल से ज्यादा उम्र के सिर्फ 66.7 फीसदी लोग ही फेक न्यूज की पहचान करने में सक्षम रहें.  

सर्वे में कहा गया है कि खबरों के लिए न्यूज पेपर सबसे ज्यादा भरोसेमंद माध्यम है. हालांकि 15-20 उम्र के सिर्फ 22.2 फीसदी लोगों ने ही न्यूज पेपर को अपने पसंदीदा माध्यम के रूप में बताया है. लेकिन उम्र में बढ़ोतरी के साथ-साथ ये आंकड़ा बढ़ता गया है. 50 साल से ज्यादा उम्र के 50 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कहा कि खबरों के लिए न्यूज पेपर ही उनकी पहली पसंद है.

21-30 और 31-40 उम्र के पांच फीसदी लोगों के लिए व्हाट्सऐप खबरों का सोर्स है. 15-20, 21-30 और 31-40 के कम से कम 10 फीसदी लोग फेसबुक पर खबर पढ़ते हैं.

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