विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की राजनीतिक बहस के बीच उनके पौत्र ने कहा है कि सावरकर के परिवार ने कभी भी उनके लिए भारत रत्न की मांग नहीं की. मंगलवार को ही केंद्र सरकार ने लोकसभा में कहा है कि सावरकर को भारत रत्न दिलाने के लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं है.
“मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सावरकर के परिवार के तौर पर हमने कभी भी उनके लिए भारत रत्न की मांग नहीं की. हमारे परिवार का मानना है कि सम्मान मांग कर हासिल नहीं किया जा सकता.”-रणजीत, विनायक दामोदर सावरकर के पौत्र
'BJP और शिवसेना पूरा करें अपना चुनावी वादा'
हालांकि उन्होंने बीजेपी और शिवसेना से कहा कि सावरकर को भारत रत्न देने के अपने चुनावी वादे को पूरा करें. उन्होंने कहा, "अगर उन्होंने (बीजेपी-शिवसेना) इस देश की जनता से वादा किया है, तो उन्हें इस वादे को पूरा करना चाहिए." रणजीत ने कहा कि अगर सावरकर को भारत रत्न दिया जाता है तो ये इस सम्मान को हासिल करने वाले लोगों की लिस्ट को समृद्ध करेगा.
बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि पार्टी भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए सावरकर के नाम की सिफारिश करेगी. शिवसेना ने भी यही मांग की थी.
मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, "भारत रत्न सम्मान के लिए अलग-अलग वर्गों की ओर से अकसर सिफारिशें आती रहती हैं, लेकिन इसके लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती. भारत रत्न को लेकर समय-समय पर फैसले होते रहते हैं."
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी समेत कई प्रख्यात लोगों ने कहा है कि हिंदूवादी विचारकों को भारत रत्न देना बापू के लिए अपमानजनक होगा.
(इनपुट: ANI)
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