देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री का जन्मदिन मना रहा है. आज यानी 2 अक्टूबर को कुछ और मशहूर लोगों का भी जन्मदिन है. ऐसे में अगर आज आपका भी जन्मदिन है तो आपके लिए खास दिन है.
महात्मा गांधी
महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा की राह पर चलकर भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराया. इन्होंने आजीवन सत्य और अहिंसा का पालन किया. सुभाष चन्द्र बोस ने साल 1944 में पहली बार इन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहकर सम्बोधित किया था. 12 अप्रैल 1919 को सबसे पहले रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ‘महात्मा’ कहा.
गांधी जी ने अहिंसा के पथ पर चलकर पूरी दुनिया को यह बता दिया कि कैसे बिना किसी हिंसा के कोई भी लड़ाई लड़ी और जीती जा सकती है. गांधी जी इतने सहनशील थे कि वे कहते थे कि अगर कोई एक थप्पड़ मारे तो उसे दूसरा गाल आगे कर देना चाहिए. गांधी जी ने अपने पूरे जीवन में कभी भी कोई राजनीतिक पद नहीं लिया.
लालबहादुर शास्त्री
लालबहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था. इनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और मां का नाम रामदुलारी था. साल 1927 में मिर्जापुर की ललिता देवी से शादी करा दी गई. इनकी शादी में दहेज के तौर पर एक चरखा और हाथ से बुने हुए कुछ कपड़े मिले थे. वह दहेज के रूप में इससे ज्यादा कुछ और नहीं चाहते थे.
ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने की वजह से 1921 में शास्त्री जी को कुछ समय के लिए जेल भी जाना पड़ा, लेकिन वे जल्द ही रिहा हो गए. देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया. जवाहरलाल नेहरू के बाद वह 9 जून 1964 को देश के प्रधानमंत्री बने और 11 जनवरी 1966 तक इस पद पर रहे.
शास्त्री जी जब देश के प्रधानमंत्री थे, तब देश के कई हिस्सों में भयानक अकाल पड़ा था. उस समय उन्होंने देशवासियों से हफ्ते में 1 दिन व्रत रखने की अपील की, ताकि सभी लोगों को खाना मिल सके.
शास्त्री जी की 11 जनवरी 1966 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से मौत हो गई थी. उस वक्त वे देश के प्रधानमंत्री थे. बेहद सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले शास्त्री जी आज भी लोगों के लिए ईमानदारी की मिसाल हैं.
आशा पारेख
आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को बेंगलुरु में हुआ था. आशा पारेख 60 के दशक की फेमस एक्ट्रेस हैं. आशा बचपन में डॉक्टर या आईएएस बनना चाहती थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
आशा ने अपने करियर की शुरुआत 1952 में आई ‘आसमान’ फिल्म से की, इस फिल्म में इन्होंने बाल कलाकार की भूमिका निभाई थीं. प्रोड्यूसर सुबोध मुखर्जी और डॉयरेक्टर नासिर हुसैन की फिल्म ‘दिल देके देखो’ में इन्होंने शम्मी कपूर के साथ काम किया. फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई और आशा रातोंरात मशहूर हो गईं.
आशा ने ‘बाप-बेटी’, ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘फिर वही दिल लाया हूं’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘बहारों के सपने’, ‘दो बदन’, ‘प्यार का मौसम’ ‘कारवां’, ‘चिराग’ और ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया है.
आशा को 1992 में पद्मश्री पुरस्कार, 2001 में फिल्म फेयर लाइफटाइम पुरस्कार और 2006 में अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया. 1998 से 2001 तक सेंसर बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष रहीं.
प्रवीण कुमार
प्रवीण कुमार इंडियन क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके हैं. इनका जन्म 2 अक्टूबर 1986 को यूपी के मेरठ जिले में हुआ. दाहिने हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज है. 18 नवंबर 2007 को इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. उन्होंने अपना पहला वनडे जयपुर में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था.
प्रवीण कुमार टीम इंडिया के लिए अब तक 6 टेस्ट, 68 वनडे और 10 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं. 2011 के इंग्लैंड दौरे पर भारत के बेस्ट बॉलर रहे थे. वनडे मैचों में प्रवीण के नाम 77 विकेट, टेस्ट में 27 विकेट और टी-20 में 8 विकेट है. हालांकि इस वक्त वह टीम इंडिया के हिस्सा नहीं हैं
हैप्पी बर्थडे!
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