देश के प्रसिद्ध कवियों में शुमार कुंवर बेचैन सिंह का निधन हो गया है. वे कोरोना से संक्रमित थे. कवि डॉ कुमार विश्वास ने ट्विटर पर इस बात की जानकार दी.
कोरोना से संक्रमित थे कुंवर बेचैन सिंह
कवि कुंवर बेचैन सिंह और उनकी पत्नी कोरोना से संक्रमित थे. संक्रमण के बाद से ही अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
कोरोना संक्रमण की वजह से कवि कुंवर बेचैन सिंह की तबीयत बिगड़ती जा रही थी और उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था. जिसके बाद उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ और उनकी मौत हो गई.
कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी देते हुए लिखा,
‘कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुःखद समाचार मिला है. मेरे कक्षा-गुरु, मेरे शोध आचार्य, मेरे चाचाजी, हिंदी गीत के राजकुमार, अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ कुँअर बेचैन ने अभी कुछ मिनट पहले ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान किया. कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया.’
गीत और गजल के लिए मशहूर थे कुंवर बेचैन सिंह
हिंदी गज़ल और गीत के लिए मशहूर कवि कुंवर बेचैन का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के उमरी गांव में हुआ था. उन्होंने कई विधाओं में साहित्य सृजन किया. कवितायें, गज़ल, गीत और उपन्यास लिखे.
'पिन बहुत सारे', 'भीतर साँकलः बाहर साँकल', 'उर्वशी हो तुम, झुलसो मत मोरपंख', 'एक दीप चौमुखी, नदी पसीने की', 'दिन दिवंगत हुए' आदि उनकी प्रमुख साहित्यिक रचनाओं में से एक हैं.
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