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किसान ने बैंक के सामने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में दबाव का आरोप

NCRB के मुताबिक साल 2018 में खेती किसानी का काम करने वाले 10,349 लोगों ने आत्महत्या कर ली.

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक किसान ने बैंक के सामने पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक किसान कथित तौर पर कर्ज के दबाव से परेशान था और इस वजह से उसने आत्महत्या कर ली. किसान के पास से सुसाइड नोट भी मिला है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

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एसपी (देहात) विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि अल्लीवाला निवासी किसान वेदपाल 7 मार्च को देर शाम कस्बा छुटमलपुर में देहरादून राजमार्ग स्थित यूनियन बैंक की शाखा पहुंचा और वहां एक पेड़ पर रस्सी लटकाकर उससे झूल गया.

उन्होंने बताया कि आसपास के लोगों ने फौरन वेदपाल को नीचे उतारा और उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

किसान के पास से बरामद हुआ सुसाइड नोट

एसपी ने बताया कि मृतक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए यूनियन बैंक के अधिकारियों और एक बिचौलिये को जिम्मेदार बताया है. इसके साथ ही सुसाइड नोट में बैंक और बिचौलिये पर कर्ज को लेकर दबाव बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.

2018 में 10 हजार से ज्यादा किसानों ने की आत्महत्या

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में खेती किसानी का काम करने वाले 10,349 लोगों ने आत्महत्या कर ली. ये साल 2018 के देश भर में हुई कुल आत्महत्याओं का करीब 7 प्रतिशत है. 2018 में देशभर में 1,34,516 लाख लोगों ने आत्महत्या की है.

साल 2016 में 11,379 किसानों ने आत्महत्या की थी अगर उससे तुलना करें तो एनसीआरबी के 2018 के आंकड़े कुछ हद तक बेहतर हैं. 2018 में 10,349 किसानों ने आत्महत्या कर ली. लेकिन हालात सुधरे नहीं हैं.

देश के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की आबादी की देश कुल आबादी की 16 फीसदी है. 2018 में देश भर में किसानों के जितने सुसाइड हुए हैं उनमें से अकेले उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 3.6 फीसदी है.

एनसीआरबी का डेटा केंद्रीय गृह मंत्रालय जारी करता है. गृह मंत्रालय ही आईपीसी और स्थानीय कानूनों के आधार पर क्राइम के डेटा इकट्ठा करता है और उसका विश्लेषण करता है.

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