Farmer Protest: किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच तीसरे दौरे की बातचीत सकारात्मक रही. गुरुवार (15 फरवरी) को 14 किसान नेताओं ने सरकार के मंत्रियों के साथ करीब पांच घंटे तक बैठक की, जिसके बाद जल्द समाधान की उम्मीद की जा रही है. अब अगले राउंड की मीटिंग रविवार (18 फरवरी) को शाम 6 बजे होगी. इस बीच, किसानों ने ऐलान किया कि वो अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे और शुक्रवार (16 फरवरी) को "भारत बंद" करेंगे.
बैठक में किन मुद्दों पर बातचीत हुई और क्या हुआ?
किसान यूनियनों के साथ बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, "आज सरकार और किसान यूनियनों के बीच बहुत सकारात्मक चर्चा हुई. किसान यूनियन द्वारा उठाए गए विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमने तय किया है कि अगली बैठक रविवार शाम 6 बजे होगी. हम सब शांति से समाधान निकालेंगे."
मीटिंग के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, "आज किसान यूनियन और केंद्र सरकार के बीच लंबी बातचीत हुई. हर विषय पर विस्तार से सकारात्मक चर्चा हुई. सीमावर्ती इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है, इससे परीक्षा के दौरान छात्रों को परेशानी हो रही है. अगली बैठक रविवार को है. कई विषयों पर सहमति बनी है. कानून व्यवस्था और पंजाब के लोगों की समस्याएं भी चिंता का विषय हैं. हमें तेल या दूध या बाहर से आने वाली किसी भी चीज की कमी नहीं होनी चाहिए."
मान ने कहा, "चूंकि पंजाब का किसान सबसे अधिक प्रभावित है, इसलिए मैं राज्य के प्रमुख के रूप में आगे आया. सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. मैंने तीन जिलों में इंटरनेट निलंबन और परीक्षा देने वाले छात्रों पर इसके प्रभाव का मुद्दा उठाया. उनकी गलती क्या है? किसानों ने उन पर दागे गए गोले दिखाए. हमने कहा कि किसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए.”
केंद्र से हरियाणा सरकार को संयम बरतने के लिए कहने का आश्वासन मिला. उन्होंने (मान) कहा, "हमने उनसे कहा है कि वे हरियाणा सरकार से कहें कि हमारे अधिकार क्षेत्र में गोला-बारूद न चलाएं."
सीएम ने कहा कि उनकी ओर से, किसान नेताओं ने शांति बनाए रखने के लिए पिछले दिन एक अपील जारी की थी और उन्होंने इसका पालन किया है.
मैं अपने युवाओं को आंसू गैस के गोले और गोलियों का शिकार नहीं बनाना चाहता. मैं पंजाब और पंजाबियों के साथ हूं. राज्य के संरक्षक के रूप में, मुझे 3 करोड़ लोगों का कल्याण देखना है. हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते जहां हमें ईंधन और अन्य सामान की कमी का सामना करना पड़े. आंदोलन शांति के साथ जारी रहेगा.भगवंत मान, सीएम, पंजाब
बैठक के बाद क्या बोले किसान नेता?
सोशल मीडिया अकाउंट के निलंबन और शांतिपूर्ण बातचीत के दौरान आंसू गैस के गोले छोड़ने सहित वर्तमान माहौल के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “हमने कहा कि हम पाकिस्तान नहीं हैं. हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, टकराव नहीं. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि हमारे सोशल मीडिया अकाउंट फिर से शुरू किए जायेंगे.”
केंद्रीय नेताओं ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि वे राज्य में इंटरनेट बहाल करेंगे और उनके निलंबित किए गए सोशल मीडिया पेजों को फिर से बहाल करेंगे
इससे पहले बीजेपी के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा समेत जिलों में इंटरनेट बंद की अवधि बढ़ाने की घोषणा की है. यह तीसरी बार है, जब विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य में इस महीने इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं.
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के समन्यवक जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, "विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा. हम और कुछ नहीं करेंगे. हम किसानों से भी अपील करेंगे. जब बैठकें चल रही हैं और हम (सीमाओं पर) आगे बढ़ रहे हैं, तो बैठकें कैसे होंगी जारी रखें. सरकार ने बैठक बुलाई है, हम तब तक इंतजार करेंगे. रविवार को अगर हमें कोई सकारात्मक नतीजा नहीं मिला तो हम प्रदर्शन जारी रखेंगे."
अगर बैठक के दौरान की गई प्रतिबद्धताओं को कार्रवाई में तब्दील किया जाता है, तो यह किसान के लिए बेहद फायदेमंद होगाजगजीत सिंह दल्लेवाल, समन्यवक, संयुक्त किसान मोर्चा
किसान नेताओं ने कहा कि वे यहां साझा की गई जानकारी को मोर्चा के लोगों तक पहुंचाएंगे.
रविवार की बैठक में मंत्रियों ने हमें कागजी कार्रवाई और अपडेट का आश्वासन दिया. हमने यह मैराथन बैठक इसलिए की क्योंकि हम आचार संहिता लागू होने से पहले चीजों को सुलझाना चाहते हैं.जगजीत सिंह दल्लेवाल, समन्यवक, संयुक्त किसान मोर्चा
जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बैठक में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया,जबकि पंजाब की तरफ से मुख्यमंत्री भगवंत मान मौजूद रहे.
इससे पहले किसान नेताओं के साथ पिछली वार्ता भी बेनतीजा रही थी, जिसके बाद किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च निकालने का ऐलान किया था. किसान नेताओं और केंद्र के बीच पहली बैठक 8 फरवरी को हुई थी, जबकि दूसरी 12 फरवरी को हुई थी.
किसान, जो अन्य मुद्दों के अलावा एमएसपी और ऋण माफी पर एक कानून की मांग कर रहे हैं, का प्रतिनिधित्व पंढेर और डल्लेवाल ने किया.
ये दोनों पंजाब के किसानों द्वारा मंगलवार (13 फरवरी) से शुरू हुए 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व करने वालों में से हैं. किसानों को हरियाणा के साथ शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर रोक दिया गया है, जहां उन्हें आंसूगैस, पानी की बौछारों और रबर छर्रों का सामना करना पड़ा.
किसानों का 'भारत बंद' का ऐलान
संगठनों ने किसानों से शुक्रवार (16 फरवरी) को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे के बीच सभी कृषि कार्य निलंबित करने और देश भर में सड़क जाम करने का आह्वान किया है. नौ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के वरिष्ठ नेता भी 21 मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर संयुक्त विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसमें एमएसपी, न्यूनतम पेंशन और न्यूनतम वेतन पर कानून शामिल है.
नोएडा पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
किसानों के प्रदर्शन और "भारत बंद" ऐलान के बीच ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है.
पुलिस ने कहा है कि दिल्ली सीमा से लगने वाले सभी बॉर्डरों पर बैरियर लगाकर दिल्ली पुलिस एवं गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा सघन चैकिंक की जायेगी, जिस कारण गौतमबुद्धनगर से दिल्ली बॉर्डर लगने वाले मार्गों पर यातायात दबाव बढ़ने की स्थिति में आवश्यकतानुसार ट्रैफिक डायवर्ट किया जाएगा. पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.
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