न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध के बीच खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को 21 साल के प्रदर्शनकारी शुभकरण सिंह की कथित तौर पर सिर में चोट लगने से मौत हो गई.
पटियाला के सरकारी मेडिकल कॉलेज और राजेंद्र अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक हरनाम सिंह ने क्विंट से कहा, "जब उसे दोपहर करीब तीन बजे अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी. उसके सिर में गोली लगी थी."
लेकिन हरियाणा पुलिस ने एक ट्वीट में मौत के संबंध में किसी भी जानकारी होने से इनकार किया है.
एक्स पर पोस्ट किए एक ट्वीट में हरियाणा पुलिस ने लिखा, "अब तक मिली जानकारी के मुताबिक किसान आंदोलन में आज किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है. यह सिर्फ एक अफवाह है. खनौरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मियों और एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है जिनका इलाज चल रहा है."
बठिंडा के बलोह गांव के निवासी शुभकरण को बुधवार को हरियाणा पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प के बीच कथित तौर पर सिर में चोट लगी थी.
भारतीय किसान यूनियन (एकता मालवा) के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह बलोह ने घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, "पुलिस की गोलीबारी में घायल होने के बाद शंभू बार्डर पर शुभकरण सिंह की मौत हो गई, वह मेरे गांव बलोह का रहने वाला था. दुख की इस घड़ी में हम उनके परिवार के साथ हैं."
इससे पहले 16 फरवरी को आंदोलन के दौरान एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान अब तक कम से कम दो पुलिसकर्मियों की मौत की भी खबर सामने आई है.
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