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UP: मोदीनगर तहसील कार्यालय में किसान ने की खुदकुशी की कोशिश, अस्पताल में मौत

जमीन से कब्जा छुड़ाने को चाहते थे पैमाइश, सुनवाई न होने पर उठाया आत्मघाती कदम

Published
भारत
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गाजियाबाद की मोदीनगर तहसील (Modinagar) में 65 वर्षीय किसान सुशील त्यागी ने शनिवार को ब्लेड से हाथ की नस काट ली.

दरअसल वे अपनी पुश्तैनी जमीन का नाप करवाना चाहते थे. लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई.

वहीं सुशील को जिस अस्पताल पहुंचाया गया, वहां के डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें अटैक आया था, जिसके चलते उनकी मौत हुई है.

क्या है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि किसान की पुश्तैनी ढाई सौ गज जमीन पर आस-पड़ोस के लोगों ने कब्जा कर लिया था. किसान उनकी पैमाइश कराना चाह रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी.

सुशील त्यागी मूल रूप से मुजफ्फरनगर में इंद्रा कॉलोनी के रहने वाले थे. गाजियाबाद के मोदीनगर तहसील क्षेत्र के गांव डिडौली में उनकी पुश्तैनी जमीन थी, जिसका खसरा नंबर- 336, 386 और 510 है.

सुशील त्यागी का कहना था कि दस्तावेजों में इन तीनों खसरा नंबर पर जितनी जमीन दर्शायी गई है, अब वास्तविकता में उतनी जमीन मौजूद नहीं है. उन्हें शक था कि आसपास के लोगों ने उनकी जमीन को अपनी जमीन में मिला लिया है, इसलिए वे इसकी पैमाइश चाहते थे. सुशील त्यागी का कहना था कि लेखपाल पैमाइश नहीं कर रहे हैं. वे इससे पहले दो बार शिकायत भी कर चुके थे.

कई बार हाथ पर ब्लेड मारे

इसी समस्या को लेकर शनिवार दोपहर सुशील त्यागी मोदीनगर तहसील में आए थे, जहां पर समाधान दिवस चल रहा था. बताया जा रहा है कि इस दौरान सुशील त्यागी ने ब्लेड से हाथ की नस काट ली. उनके हाथ से खून बहने लगा.

बताया जा रहा है कि वहां पर वो कह रहे थे कि "मेरी कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है. मुझे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास जाना है." इसी दौरान सूचना पर मेडिकल टीम पहुंच गई और घायल को मेरठ के अस्पताल ले गए.

SDM बोलीं- पैमाइश के लिए बुजुर्ग ने दायर नहीं किया था वाद

मोदीनगर की SDM शुभांगी शुक्ला ने कहा, "हम तहसील दिवस में ऊपर बैठे हुए थे. इस दौरान सूचना मिली कि एक किसान आया हुआ है. उसके हाथ से खून बह रहा था. सीएचसी प्रभारी भी तहसील दिवस में आए हुए थे. उनको तत्काल नीचे भेजा गया और घायल किसान को प्राथमिक उपचार के लिए सीएचसी भेजा गया. वहां से उन्हें मेरठ रेफर कर दिया गया."

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सीएचसी प्रभारी ने बताया कि 'बुजुर्ग की पल्स गिर रही थीं. ऐसा लग रहा था, जैसे हार्टअटैक हुआ हो. पोस्टमार्टम से ही मृत्यु का सही कारण पता चलेगा. बुजुर्ग के द्वारा जमीन की पैमाइश की मांग की गई थी. लेखपाल ने रिपोर्ट लगाई थी कि बुजुर्ग सक्षम न्यायालय में वाद दायर करें, इसके बाद ही न्यायालय इस पर फैसला लेगा, लेकिन बुजुर्ग ने न्यायालय में वाद दायर नहीं किया था.'

ADM ने कहा- मौत एंग्जाइयटी या स्ट्रोक से संभावित

ADM प्रशासन ऋतु सुहास ने कहा, सुशील त्यागी की मौत इस घटना से नहीं हुई है. संभवत: उन्हें एंग्जायटी या स्ट्रोक हो सकता है. हां, मुझे उनके द्वारा नस काटने की सूचना मिली थी. जिसके बाद मेडिकल टीम तहसील में आई और उन्हें मेरठ लेकर चली गई. वहां उपचार के दौरान उनकी मौत की सूचना आई है.

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