पिछले करीब तीन हफ्ते से राजधानी दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को जल्द से जल्द वापल ले और एमएसपी पर कानून बनाया जाए. वहीं सरकार देशभर के किसानों को खुशहाल बताने के लिए पोस्टरबाजी और सम्मेलन करने में जुट गई है. यहां तक कि खुद पीएम मोदी भी अब यही कर रहे हैं. लेकिन किसानों की हालत कुछ ऐसी है कि अब उन्हें अपनी ही मेहनत को बर्बाद करना पड़ रहा है. देश के कई राज्यों के गोभी किसानों का यही हाल है.
देश के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा से ऐसी ही तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिनमें किसानों ने अपनी खड़ी गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसान किस हालात में हैं. जो अपनी कई दिनों की मेहनत पर खुद ही ट्रैक्टर फेरने में लगे हैं.
15 बीघा खड़ी गोभी की फसल पर फेर दिया ट्रैक्टर
दरअसल गोभी किसानों की असली समस्या ये है कि बाजार में उनकी गोभी 1 रुपये या फिर इससे भी कम दाम पर बिक रही है. कई किसानों ने तो दिल्ली आकर अपनी गोभी बेचने की कोशिश की, लेकिन वहां भी उन्हें सही दाम नहीं मिला.
उत्तर प्रदेश के शामली में कैराना क्षेत्र के किसानों ने मंडियों में एक रुपए किलो गोभी बिकने से नाराज होकर अपनी लहलहाती 15 बीघा गोभी की फसल ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दी. मायापुर निवासी किसान रमेश ने बताया कि उसने खून पसीने से अपने खेत में करीब 5 बीघा शानदार गोभी की फसल उगाई थी. उम्मीद थी कि इस बार अच्छी फसल से अच्छी कमाई हो जाएगी,
लेकिन जब पिछले दिनों वो गोभी के 76 कट्टे दिल्ली मंडी में बेचने के लिए ले गए तो वहां पर कई दिनों तक उनकी गोभी नहीं बिक पाई. जिसके बाद लगभग सारी गोभी वहीं खराब हो गई. अन्य मंडियों में उनकी गोभी को केवल एक रुपए प्रति किलोग्राम खरीदा गया, जबकि गोभी की खेती को तैयार करने के लिए 4 से 5 हजार रुपए प्रति बीघा का खर्च आता है.
कड़ी मेहनत से फसल तैयार करके जब 1 रुपये दाम मिला तो तंग आकर इस किसान ने बची हुई करीब एक लाख रुपए की कीमत की गोभी की फसल ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दी. इनके अलावा गांव झाडखेड़ी निवासी किसान तनवीर ने भी अपनी करीब 10 बीघा दो लाख रुपए की गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. किसान तनवीर ने बताया कि जितने रुपए खर्च करके वो गोभी को मंडी लेकर जाएंगे, वहां पर उसका मूलधन भी वापस नहीं होने वाला है. लिहाजा फसल को खेत में ही नष्ट कर देना सही है.
दूसरे राज्यों के किसानों का भी यही हाल
बिहार के समस्तीपुर से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां एक गोभी किसान ने अपनी कई बीखा खड़ी गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. यहां भी मामला वही था, जब किसान मंडी में गोभी बेचने गया तो दाम कौड़ियों में मिले. कीमत इतनी थी कि पैकिंग और ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी अपनी जेब से भरना पड़ा. जिसके बाद फसल को उखाड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
ऐसे ही मामले हरियाणा से भी रिपोर्ट किए गए हैं. जहां पर किसानों को उनकी फसल का दाम लागत से भी कम मिलने लगा तो उन्होंने अपनी खड़ी फसल को खुद अपने ही हाथों से बर्बाद कर दिया.
कैसे होगी किसानों की दोगुना आय?
वहीं अगर बाजारों में बिकने वाली गोभी की बात करें तो शहरों में फूलगोभी 10 से 15 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहीं हैं. इसके अलावा दिल्ली, नोएडा सहित अन्य बड़े शहरों में फूलगोभी 35 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम और पत्ता गोभी 20 से 25 रुपए प्रति किलोग्राम तक बेची जा रहीं हैं. अब इन तमाम खबरों के बीच अगर सरकार के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के दावे की बात करें तो ये इन किसानों के लिए एक मजाक की तरह होगा. जिन्हें फायदा तो दूर, नुकसान झेलना पड़ रहा है.
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