देशभर में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन किया. पंजाब में इसका सबसे ज्यादा असर दिखा. लेकिन अब देशभर के किसान इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं. तमाम किसान संगठनों ने 26 नवंबर को दिल्ली में आंदोलन का ऐलान किया है. लेकिन इसी बीच हरियाणा में किसान नेताओं की गिरफ्तारियां शुरू हो चुकी हैं. स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने बताया कि कई नेताओं को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
योगेंद्र यादव ने किसान नेताओं की गिरफ्तारियों के बाद फेसबुक लाइव किया और बताया कि हर तरफ से उन्हें फोन आ रहे हैं कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा,
“26 तारीख को दिल्ली में पूरे देश के किसान आ रहे हैं. सरकार घबराई हुई है और आज सुबह हरियाणा में पुलिस ने लगभग सभी जिलों में धरपकड़ शुरू कर दी है. रात 12 बजे से लेकर सुबह तक सभी महत्वपूर्ण किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है. सभी साथियों को बिना कोई कारण बताए थानों के अंदर रखा गया है.”
दमनचक्र के खिलाफ आवाज उठाएं लोग- यादव
योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार दमन का सहारा लेकर पुलिस से गिरफ्तारियां करवा रही है. सरकार इस आंदोलन को विफल बनाना चाहती है. उन्होंने कहा, हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि इस दमनचक्र के खिलाफ आवाज उठाएं. उन्होंने आगे कहा,
“मैं तमाम लोगों, राजनीतिक नेताओं और तमाम संगठनों से अपील करता हूं कि अपनी आवाज उठाएं. हम अपना कार्यक्रम जारी रखेंगे. दिल्ली चलो का कार्यक्रम जारी रहेगा. पुलिस को मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि जो आप कर रहे हैं वो लोकतांत्रिक मर्यादाओं के लिए ठीक नहीं है.”
क्या दिल्ली पहुंच पाएंगे किसान?
दावा है कि पंजाब से करीब 1 लाख किसान पैदल चलकर दिल्ली की तरफ कूच करने वाले हैं. वहीं हरियाणा और बाकी अन्य राज्यों से भी किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. लेकिन राज्यों की पुलिस ने किसानों को सीमा पर ही रोकने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. हरियाणा में इसके लिए कार्रवाई शुरू हो चुकी है. पंजाब से आने वाले किसानों का भी दिल्ली तक पहुंचना मुमकिन नहीं लग रहा है. आमतौर पर जब ऐसे आंदोलनों का आह्वाहन किया जाता है तो दिल्ली के बॉर्डर भी पूरी तरह से सील कर दिए जाते हैं. दिल्ली में भी किसानों को रामलीला मैदान में जमा होने की इजाजत नहीं मिली है. यानी दिल्ली में किसानों का आंदोलन होना लगभग नामुमकिन है. लेकिन राज्यों की सीमाओं पर किसानों का गुस्सा नजर आ सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)