संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए साफ कर दिया है कि दिल्ली की बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन पहले की तरह ही जारी रहेगा. किसानों ने दो टूक कहा है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून वापस नहीं होंगे. दिल्ली में हुई हिंसा पर किसान नेताओं का कहना है कि ये सरकार का षडयंत्र था और दिल्ली पुलिस इसमें शामिल थी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने प्रेस नोट में लिखा है कि ‘पिछले 7 महीनों से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने की साजिश अब जनता के सामने उजागर हो चुकी है. कुछ व्यक्तियों और संगठनों (मुख्य तौर पर दीप सिधु और सतनाम सिंह पन्नू की अगुवाई में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी) के सहारे, सरकार ने इस आंदोलन को हिंसक बनाया. हम फिर से स्पष्ट करते हैं कि हम लाल किले और दिल्ली के अन्य हिस्सों में हुई हिंसक कार्रवाइयों से हमारा कोई संबंध नहीं है. हम उन गतिविधियों की कड़ी निंदा करते है.’
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि-
कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई. अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार रहा है. कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले. यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी. किसान आंदोलन जारी रहेगाराकेश टिकैत
शहीद दिवस पर देशभर में रैलियां, उपवास
किसान नेताओं ने कहा है कि वो 30 जनवरी को गांधीजी के शहादत दिवस पर, शांति और अहिंसा पर जोर देने के लिए, पूरे देश में एक दिन का उपवास रखा जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने जनता से दीप सिद्धू जैसे तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की है.
1 फरवरी को संसद कूच का कार्यक्रम रद्द
फिलहाल किसान नेताओं ने 1 फरवरी को संसद कूच करने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है. किसान नेताओं ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए एक फरवरी के लिए निर्धारित संसद मार्च को स्थगित करने का फैसला लिया है.
पुलिस का दावा- किसानों ने समझौते का उल्लंघन किया
दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने खुद मीडिया के सामने आकर बताया कि, किसानों ने पुलिस के साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया. उन्होंने कहा कि, हमने पहले किसानों से कहा कि वो दिल्ली के बाहर अपना ट्रैक्टर मार्च निकालें, लेकिन किसान नहीं माने. कमिश्नर ने कहा कि पांच राउंड की जो मीटिंग हुई, उसमें हमने अंत में उन्हें तीन रूट दिए. लेकिन इसका पालन नहीं किया गया.
‘सभी बॉर्डर पर किसानों ने शुरू की हिंसा’: पुलिस
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बताया कि, “इसी तरीके से टिकरी बॉर्डर से भी साढ़े 8 के करीब वो लोग निकल पड़े, गाजीपुर से निकलने का भी यही वक्त था. पुलिस का जो डायरेक्शन था कि वो अपने तय हुए समय 12 बजे चलें, क्योंकि रिपब्लिक डे का प्रोग्राम करीब 12 बजे समाप्त होना था. उन्होंने उसे नहीं माना और आगे निकल गए.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)