तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और अपनी तमाम मांगों को लेकर चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) आखिरकार खत्म हो सकता है. केंद्र सरकार के नए प्रस्ताव पर किसान संगठनों की सहमति बन गई है, जिसके बाद गुरुवार 9 दिसंबर तक आंदोलन खत्म करने पर फैसला लिया जा सकता है.
किसानों ने सरकार के सामने रखी थी मांगें
बता दें केंद्र सरकार ने किसानों के आंदोलन के सामने झुकते हुए तीनों कृषि कानूनों को संसद से वापस ले लिया. जिसके बाद राष्ट्रपति ने भी इस पर मुहर लगा दी. लेकिन इसके बाद किसानों ने एमएसपी समेत अपनी कुछ मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखा और कहा कि जब तक सरकार से इन पर बात नहीं होगी, आंदोलन चलता रहेगा.
किसानों की मांगों में आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर केस दर्ज हुए थे, उनकी वापसी, एमएसपी पर गारंटी और जिन किसानों की मौत हुई है उन्हें मुआवजा दिया जाना शामिल था.
सरकार ने किसानों को एक प्रस्ताव दिया था. जिसकी तीन शर्तों पर किसानों ने असहमति जताई. किसानों ने कहा कि जब तक उनकी शर्तों वाला प्रस्ताव नहीं दिया जाता है, तब तक वो नहीं मानेंगे. इसके बाद इस प्रस्ताव में सुधार करते हुए सरकार ने नया प्रस्ताव जारी किया. जिसे लेकर किसान संगठनों ने बैठक की और सभी सहमत हुए. बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा,
"सरकार किसानों पर दर्ज सभी केस वापस लेने के लिए तैयार है. हमने संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से प्रस्ताव पर सहमति जता दी है. अब आधिकारिक नोटपैड पर लिखकर आते ही किसान संगठन 9 दिसंबर को फिर बैठक करेंगे और इसमें आंदोलन को स्थगित करने पर फैसला लिया जाएगा. फिलहाल ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है."
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, सरकार ने प्रस्ताव को संशोधन करके भेजा है. जिसमें कहा है कि किसानों की मांगों को पूरा कर रहे हैं. काफी मुद्दों पर सहमति बन चुकी है. 9 दिसंबर को होने वाली मीटिंग में फैसला होगा. अभी कई चीजों की घोषणा नहीं हुई है. जिन पर बातचीत चल रही है.
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