दो महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, हजारों किसान दिल्ली की अलग-अलग सरहदों पर कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं, अब इस मामले पर आज संसद में हंगामे के आसार हैं. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां किसानों के आंदोलन को समर्थन दे रही हैं, और सरकार से इसे रद्द करने की मांग कर रही है.
दरअसल, संसद में बजट सत्र शुरू है और आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी. इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष के तीन सासंदों ने कृषि कानूनों के खिलाफ में चर्चा के लिए नोटिस दिया है.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, विपक्ष के उप नेता और सीनियर कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है.
वहीं लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने संसद में नियम और प्रक्रिया और व्यवसाय के संचालन के नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है. इन पार्टियों के अलावा, टीएमसी, डीएमके, बीएसपी और सीपीआई (एम) की तरफ से भी किसानों के मुद्दे पर नोटिस दिया गया है.
अब ये माना जा रहा है कि बजट सत्र किसान आंदोलन के मुद्दे पर हंगामे दार रहने वाला है, क्योंकि विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का मौका नहीं छोड़ना चाहती हैं.
बजट सत्र पर 16 पार्टियां ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था
संसद के बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदनों को संबोधित किया था, लेकिन उससे पहले 16 पार्टियों ने बयान जारी ऐलान किया कि वो राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगीं.
बता दें कि बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक हुई थी, जिसमें में कांग्रेस और बाकी विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी की मौजूदगी में किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया था. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था- “उनके और किसानों के बीच एक कॉल की दूरी है. किसानों और सरकार के बीच मसला बातचीत से ही हल होगा.”
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