केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. ये संगठन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले महीने से ही दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. बता दें कि सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के बीच अब तक की बातचीत नाकाम रही है.
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किसान आंदोलन से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा समेत दिल्ली हाईवे पर स्थित टोल प्लाजाओं पर शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कब्जा कर लिया. उन्होंने यहां से गुजर रहे वाहनों को बिना कोई शुल्क दिए गुजरने दिया. करनाल में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बस्तरा टोल प्लाजा और करनाल-जींद राष्ट्रीय राजमार्ग 709-ए पर पिऑन्ट टोल प्लाजा को बंद कर दिया.
- हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी जेजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को रक्षा मंत्री और बीजेपी नेता राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच किसानों के मुद्दे और मौजूदा समय में चल रहे आंदोलन को सुलझाने पर चर्चा हुई. दुष्यंत चौटाला ने किसानों के मुद्दों से राजनाथ सिंह को अवगत कराते हुए उनका हल निकालने के लिए जरूरी सुझाव भी दिए. दोनों नेताओं के बीच यह मीटिंग इसलिए भी अहम है कि सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को किसान संगठनों की ओर से खारिज किए जाने के बाद फिलहाल दोनों तरफ से बातचीत का सिलसिला रुका हुआ है.
- किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर नए कृषि कानूनों का समर्थन किया है. उन्होंने शनिवार को फिक्की की 93वीं वार्षिक आम बैठक में कहा, "एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर हो, फूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं. अब सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं." पीएम मोदी ने कहा, ''रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे, नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा. इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा. इन सबका सबसे ज्यादा फायदा देश के किसान को होने वाला है. आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है.''
- केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए केंद्र सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है और इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अहम कदम उठाए गए हैं, जिनका लाभ किसानों को मिलना शुरू भी हो गया है.
- किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी वाराणसी के डाफी टोल प्लाजा पर सुरक्षा बल की तैनाती की गई है.
- किसान आंदोलन को लेकर उत्तर प्रदेश के ADG (कानून-व्यवस्था) ने बताया, ''अभी तक किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है और साथ-ही साथ कोई शरारती तत्व किसानों के बीच घुसकर अव्यवस्था न फैलाए, हम इसका भी ध्यान रख रहे हैं. जो लोग अशांति फैलाना चाहते हैं और प्रदर्शन को हिंसात्मक रूप देना चाहते हैं उन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है.''
- किसान नेताओं ने MSP पर कानून बनाए जाने की मांग भी की है. ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी के सरदार वीएम सिंह ने कहा, ''हम MSP पर आश्वासन चाहते हैं. हम इसके तहत अपनी फसलों की खरीद की गारंटी चाहते हैं. अगर आप MSP गारंटी बिल लाएंगे तो किसानों को इसका फायदा होगा.'' इसके अलावा किसान नेता डूंगर सिंह ने कहा, ''अब हमें MSP पर कानून चाहिए.''
- बता दें कि किसान संगठन कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं.
- सितंबर में बनाए गए इन तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक बड़े सुधार के रूप में पेश किया है और कहा है कि इससे बिचौलिये हट जाएंगे और किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पाएंगे.
- हालांकि किसान संगठनों को आशंका है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था खतरे में आ जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों पर निर्भर छोड़ दिया जाएगा. मगर सरकार ने कहा है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी.
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