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किसान आंदोलन पर संसद में विपक्षी नेता क्या दलील दे रहे हैं?

5 फरवरी को विपक्ष के किस नेता ने किसान कानून , 26 जनवरी की हिंसा और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या राय रखी.

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भारत
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किसान कानूनों पर विपक्ष की गूंज हर रोज संसद में सुनाई पड़ रही है. एक तरफ विपक्ष के कई सवाल और मांग हैं तो दूसरी तरफ सरकार अपने स्टैंड पर अड़ी है. कृषि मंत्री तोमर का कहना है कि अगर किसान संगठनों को ये प्रस्ताव दिया गया कि सरकार संशोधन के लिए तैयार है तो इसका मतलब ये नहीं कि कानून में कोई गलती है.

दूसरी कांग्रेस का कहना है कि चर्चा के लिए विपक्ष तैयार है लेकिन सरकार ये भरोसा दिलाए किसानों के मुद्दे पर अलग से चर्चा होगी. 26 जनवरी की हिंसा के लिए न्यायिक जांच की मांग भी विपक्ष ने की है. शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि अगली आरोपी को नहीं पकड़ा जा रहा है किसान आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है.

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ऐसे में जानते हैं कि 5 फरवरी को विपक्ष के किस नेता ने किसान कानून , 26 जनवरी की हिंसा और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या राय रखी.

अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस

हमने सरकार से मांग की है कि लोकसभा में किसान आंदोलन को लेकर अलग से चर्चा हो. राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो चुकी है. हमारी सिर्फ यही मांग है कि इसके बाद किसानों के मुद्दे पर एक अलग चर्चा हो. हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार ये स्पष्ट कहे कि किसानों के मुद्दे पर अलग से चर्चा होगी.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, लोकसभा में
5 फरवरी को विपक्ष के किस नेता ने किसान कानून , 26 जनवरी की हिंसा और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या राय रखी.
जब जॉर्ज फ्लॉयड के साथ नृशंसता का हम सबने एक स्वर में पुरजोर विरोध किया था तो उस समय किसी ने भी हम पर सवाल नहीं उठाया था. लेकिन, जब रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग ने हमारे देश के किसानों का समर्थन करना चाहा तो हम इतने परेशान क्यों हो रहे हैं?
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी
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प्रफुल्ल पटेल , एनसीपी

आखिर कृषि कानून लाने की इतनी जल्दी क्यों है? अगर सरकार ने बिल चयन कमेटियों के पास चर्चा के लिए भेजे होते, तो आज दिल्ली के आस-पास वैसे हालात नहीं होते जैसे हैं.
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, राज्यसभा में
5 फरवरी को विपक्ष के किस नेता ने किसान कानून , 26 जनवरी की हिंसा और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या राय रखी.

सतीश मिश्रा, बीएसपी

अगर आप डेढ़ साल के लिए कृषि कानून वापस लेने के लिए तैयार हैं, तो फिर पूरी तरह कानून वापस लेने से आपको (सरकार को) कौन रोक रहा है?
बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा, राज्यसभा में
5 फरवरी को विपक्ष के किस नेता ने किसान कानून , 26 जनवरी की हिंसा और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या राय रखी.

संजय राउत, शिवसेना

26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ उससे पीएम समेत पूरा देश दुखी हो गया. लेकिन लाल किले पर तिरंगे का अपमान करने वाला जो दीप सिद्धू है वो कौन है, किसका आदमी है, उसके बारे में आप कुछ क्यों नहीं बता रहे. सिद्धू अबतक नहीं पकड़ा गया लेकिन 200 से ज्यादा किसान इस प्रकरण में तिहाड़ में बंद हैं, देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है.
शिवसेना नेता संजय राउत, राज्यसभा में
5 फरवरी को विपक्ष के किस नेता ने किसान कानून , 26 जनवरी की हिंसा और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या राय रखी.
100 से ज्यादा आंदोलन करने वाले युवा लापता हैं, उनका क्या हुआ पता नहीं. ये लोग देशद्रोही बताए जा रहे हैं, जो हक के लिए लड़ रहे हैं. लेकिन देशप्रेमी कौन हैं, अर्नब गोस्वामी- जिसकी वजह से एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. कंगना रनौत देशप्रेमी है.
शिवसेना नेता संजय राउत, राज्यसभा में
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प्रताप बाजवा, कांग्रेस

संसद का सत्र चल रहा है. 12 पार्टियों के नेता गाजीपुर बॉर्डर गए हैं. लेकिन पुलिस ने उन्हें किसानों से मिलने की अनुमति नहीं दी. क्या यही लोकतंत्र है? हमें राष्ट्रवाद मत सिखाइए, हर महीने पंजाब और हरियाणा का एक बच्चा तिरंगे में लिपटकर अपने घर लौटता है.
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा, राज्यसभा में
5 फरवरी को विपक्ष के किस नेता ने किसान कानून , 26 जनवरी की हिंसा और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या राय रखी.

जयंत चौधरी, आरएलडी

सरकार को तीनों कृषि कानून तुरंत वापस लेने चाहिए. इसके बाद अगर किसानों को लगता है कि किसी तरह के बदलाव की जरूरत है, तो सरकार किसानों की सलाह लेकर नए सिरे से कानून बनाए. किसान कानून वापस कराए बिना नहीं मानेंगे. सड़कों पर ठोकी गई कीलें बीजेपी के राजनीतिक ताबूत की कीलें साबित होंगी.
आरएलडी नेता, जयंत चौधरी
5 फरवरी को विपक्ष के किस नेता ने किसान कानून , 26 जनवरी की हिंसा और इससे जुड़े मुद्दों पर क्या राय रखी.

किसानों को बरगलाया जा रहा है- कृषि मंत्री

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर निशाना साधा. कांग्रेस पर पंजाब के किसानों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए तोमर ने कहा कि खेती पानी से होती है, लेकिन दुनिया जानती है कि कांग्रेस.....(तोमर की इस टिप्पणी को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है.) इस दौरान कांग्रेस के सांसदों ने कृषि मंत्री तोमर के भाषण का विरोध भी किया. कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसानों को इस बात के लिए बरगलाया है कि यह कानून आपकी जमीन को ले जाएंगे. कृषि मंत्री ये भी कहा कि जो लोग किसान कानूनों के विरोध में इसे 'काला कानून' बता रहे हैं वो ये नहीं बता रहे हैं कि आखिर इसमें 'काला' क्या है.

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