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दिल्ली की सीमाएं हुईं सील, किसान बोले- ‘ये पाकिस्तान बॉर्डर नहीं’

दिल्ली की सीमाओं पर कई लेयर बैरिकेडिंग, कंटीली तारें और कीलों का इस्तेमाल

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प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

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दिल्ली की सीमाओं से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उनकी खूब चर्चा है. किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने जो इंतजाम किए हैं, वैसे इंतजाम शायद ही पहले कभी देखे गए हों. प्रदर्शन स्थल से दिल्ली की तरफ आने वाली सड़कों को लगभग पूरी तरह से सील कर दिया गया है. जिसके बाद अब इस 'किलेबंदी' को लेकर लोग केंद्र सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं, साथ ही विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया है. इसके अलावा किसानों ने भी पुलिस की इस 6 लेयर बैरिकेडिंग की आलोचना की है.

राकेश टिकैत ने शुरू किया तारबंदी बनाम रोटीबंदी

इस किलेबंदी को लेकर बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, ट्रैक्टर रैली के दौरान भी ऐसे ही बैरिकेडिंग की गई थी, जो हमें रूट दिया गया था, वो बंद कर दिया गया था. उनका कहना है कि सरकार किसानों के नहीं बल्कि जनता के रास्ते में कील लगा रही है. जनता सिर्फ बोल नहीं रही है, लेकिन सब समझ रहे हैं. अब राकेश टिकैत ने तारबंदी के खिलाफ रोटीबंदी करने का ऐलान किया है. जिसके विरोध में उन्होंने सड़क पर बैठकर रोटी खाई. उनका कहना है कि आम आदमी की रोटी जल्द ही तिजोरी में बंद होने जा रही है.

दिल्ली की सीमाओं पर कई लेयर बैरिकेडिंग, कंटीली तारें और कीलों का इस्तेमाल
तारबंदी बनाम रोटीबंदी 
(फोटो: PTI)

किसान आंदोलन के ट्विटर हैंडल किसान एकता मोर्चा की तरफ से भी इस तारबंदी को लेकर ट्वीट किया गया. जिसमें उन्होंने लिखा कि,

“आप हमें बैरियर और कीलों से नहीं रोक सकते हैं. हम शांतिपूर्वक थे, शांतिपूर्वक हैं और शांतिपूर्वक ही रहेंगे. आप हमें अपने प्लांट किए गुंडों से भड़काने की कोशिश मत कीजिए.”
दिल्ली की सीमाओं पर कई लेयर बैरिकेडिंग, कंटीली तारें और कीलों का इस्तेमाल
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को लेकर कुछ इस तरह से बैरिकेडिंग की गई है
(फोटो: PTI)
दिल्ली की सीमाओं पर कई लेयर बैरिकेडिंग, कंटीली तारें और कीलों का इस्तेमाल
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किसान बोले- यहां नहीं, चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैयारी करे सरकार

किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के ठीक सामने इस तरह की किलाबंदी होने को लेकर वो क्या सोचते हैं, ये जानने के लिए हम गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. जहां किसानों ने बातचीत में बताया कि अगर सरकार चीन की सीमा पर इस तरह की व्यवस्था करती तो सही होता. बिजनौर से प्रदर्शन में शामिल होने आए किसान ने कंटीली तारें लगाए जाने को लेकर कहा,

अगर यही व्यवस्था चीन बॉर्डर पर की होती तो आज ये हालत नहीं होती. यहां लगाने से अच्छा है कहीं और लगाया जाए. ये कोई भारत-पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं, किसानों के लिए ये सारी तैयारी की गई है.

अमरोहा से आए किसान कुलदीप कुमार ने बताया कि, जैसे आज बीएसएनएल की हालत है, कॉर्पोरेट के आने से वर्तमान मंडियों की हालत ऐसे ही हो जाएगी.गांव में सब्जी 8 रुपये किलो बिकेगी और शहरों में 45 रुपये किलो बेची जाएगी. ये कानून लागू होते ही ये सब कुछ होगा. ये किसान और आम आदमी के लिए बहुत बड़ा नुकसान है.

दिल्ली की सीमाओं पर कई लेयर बैरिकेडिंग, कंटीली तारें और कीलों का इस्तेमाल
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने दी सफाई

पुलिस की इस पूरी किलेबंदी को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या वाकई में ऐसा करना जरूरी था? साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि इससे पूरे देशभर में एक गलत मैसेज जा रहा है. इन सभी सवालों को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने सफाई देते हुए कहा कि,

"हमने क्या किया है? हमने तो उस बैरिकेड को मजबूत किया है. ताकि बार-बार उसे तोड़ा न जाए. हमने सुरक्षा के इंतजाम और भी ज्यादा कड़े किए हैं. आपने देखा होगा कि हमने जनता से अपील की, हमें वीडियो और फोटोग्राफ भेजा जाए. हमें 1 हजार से ज्यादा वीडियो फुटेज मिली हैं. उन सभी को खंगाला जा रहा है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी."

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