ADVERTISEMENTREMOVE AD

संसद सत्र चलने तक सरकार के पास सोचने का वक्त, चलता रहेगा आंदोलन - राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा - आगे आंदोलन कैसे चलाना है उसका फैसला हम संसद चलने पर लेंगे

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ करीब 1 साल तक आंदोलन के बाद आखिरकार किसानों की जीत हुई. लेकिन किसान नेता अभी इसे अधूरी जीत बता रहे हैं. एमएसपी पर कानून और बाकी कुछ मांगों को लेकर अभी भी किसान आंदोलन के मूड में हैं. बीकेयू नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बताया है कि आंदोलन की रूपरेखा पर फैसला 27 नवंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसान आंदोलन ने पूरा किया एक साल

तमाम किसान संगठनों ने 26 नवंबर को इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने का जश्न मनाया. दिल्ली की सीमाओं पर अलग-अलग तरीके से किसानों ने इसे सेलिब्रेट किया. इस मौके पर आंदोलन के बड़े चेहरे रहे राकेश टिकैत ने कहा कि,

"जब तक संसद का सत्र चलेगा तब तक सरकार के पास सोचने और समझने का समय है. आगे आंदोलन कैसे चलाना है उसका फैसला हम संसद चलने पर लेंगे. आंदोलन की रूपरेखा क्या होगी उसका फैसला भी 27 नवंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में होगा."

अब क्या हैं किसानों की मांगें?

बता दें कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सामने आकर तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. जिसके बाद सभी को लगा कि अब किसान अपना आंदोलन खत्म करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. किसान अब भी अपने-अपने मोर्चों पर डटे हैं. उनका कहना है कि एमएसपी को लेकर भी वो गारंटी चाहते हैं. साथ ही जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई, उनके लिए मुआवजे की मांग की जा रही है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का इस्तीफा भी किसान मांग रहे हैं. उनका कहना है कि असली जीत तभी होगी, जब ये सब मांगें पूरी की जाएंगीं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×