गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड में लाल किले से लेकर दिल्ली के आईटीओ पर हुई हिंसा के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन के साथ ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ इसकी सुनवाई करेगी.
दायर की गई याचिकाओं में से एक में एनआईए को इस मामले की जांच के निर्देश देने की मांग की गई है. कहा गया है कि ट्रैक्टर रैली का हिस्सा रहे उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ अदालत की निगरानी में एनआईए को जांच करनी चाहिए, जो गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर हिंसा में लिप्त थे.
वकील शशांक शेखर झा और मंजू जेटली शर्मा के द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले और राष्ट्रीय ध्वज पर हुए हमले पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को विरोध के नाम पर हिंसा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. दलील में कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विरोध जताने के साथ ही दूसरों के अधिकारों पर भी विचार करना चाहिए.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम की अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग के गठन के लिए भी निर्देश देने की मांग की गई है, जिसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए जाने की बात कही गई है.
‘राष्ट्रीय ध्वज का अपमान’
इसके अलावा अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा एक याचिका दायर की गई है, जिसमें शीर्ष अदालत से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या संगठन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है.
याचिका में कहा गया है कि दुर्भाग्य से ट्रैक्टर रैली ने हिंसक मोड़ ले लिया, जिससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ और साथ ही लोगों को भी चोट पहुंची. याचिका में कहा गया है, “इस घटना ने जनता की दैनिक दिनचर्या को भी प्रभावित किया है. इंटरनेट सेवाओं को बाधित किया गया है, क्योंकि सरकार ने ऑपरेटरों को इसे निलंबित करने का आदेश दिया.”
CJI को लिखा पत्र
इसके अलावा मुंबई के एक कानून के छात्र ने लाल किले में हुई घटना मामले में सू मोटो संज्ञान लेने के लिए भारत के प्रधान न्यायाधीश बोबडे को पत्र भी लिखा है. गणतंत्र दिवस पर हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब तक सुप्रीम कोर्ट में लगभग पांच दलीलें दायर की गई हैं.
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए गणतंत्र दिवस पर हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी, लेकिन ट्रैक्टर परेड में शामिल कई प्रदर्शनकारी दिल्ली के लाल किला पहुंच गए. कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया. साथ ही पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने लाल किले पर किसान संगठन और एक धार्मिक झंडा फहराया था.
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