दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में एफआईआर में नामजद किसान नेताओं के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. पुलिस ने कहा कि उनके पासपोर्ट को सरेंडर करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे देश से बाहर न जाएं.
एफआईआर में किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चंदूनी, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्ज गिल, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, अविक साहा और जोगिंदर सिंह सहित कुल 37 किसान नेताओं का नाम है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिसा के संबंध में इन किसान नेताओं को नामजद किया गया है.
किसानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धारा 147, 148 (हिंसा या दंगा करने से संबंधित), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 307 (हत्या का प्रयास) शामिल हैं.
हिंसा में 394 पुलिसकर्मी हुए जख्मी
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि कुछ गंभीर पुलिसकर्मियों को आईसीयू में भी भर्ती कराना पड़ा है. अभी तक 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है.
26 जनवरी को पुलिस पर हमला करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले हिंसक प्रदर्शनकारियों की पहचान करने के लिए पुलिस सभी उपलब्ध तस्वीरों और वीडियो फुटेज का विश्लेषण कर रही है.
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