दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन करीब एक महीने से जारी है. न सरकार इनकी मांगें मानने को तैयार है न ही ये किसान अपनी मांगों से पीछे हट रहे हैं. इस किसान प्रदर्शन के दौरान अलग-अलग वजहों से कुछ किसानों की मौत भी हुई है. 20 दिसंबर को ऐसे ही मृतक किसानों के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से श्रद्धांजलि सभा रखी गई. सिंघु बॉर्डर,गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसानों ने इस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया.
'शहीद'
प्रदर्शकारी किसानों का कहना है कि इन सभी मौतों के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है.. किसानों ने अपने साथियों को शहीद का दर्जा दिया और कहा कि बहुत दु:ख है कि हमारे भाई हमारे बीच नहीं रहे, ये सभी शहीद हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर 11 बजे से लेकर 1 बजे तक ये श्रंद्धाजलि सभा रखी गई. बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने अपने साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. हालांकि इस दौरान कुछ किसान भावुक भी हुए.
किन-किन वजहों से हुई मौत?
किसान संगठन ने दावा किया कि 26 नवंबर से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले किसानों की मौत दुर्घटनाओं, बीमारी और ठंड के कारण हुई है. हालांकि किसानों का मानना है कि इन किसानो के बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी रविवार को एक ट्वीट में मृतक किसानों को श्रद्धांजली देते हुए लिखा- किसानों का संघर्ष और बलिदान अवश्य रंग लाएगा!
दरअसल, किसान कानूनों में संशोधन के लिए तैयार नहीं हैं. बल्कि उनकी मांग है कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिया जाए. केंद्र सरकार और किसान संगठनो के बीच 6 दौर की बातचीत के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकल सका है.
( इनपुट: IANS )
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