केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों से खरीदी गई फसलों के दाम का भुगतान महज तीन दिन के भीतर किया जाएगा और राज्यों से फसल खरीद की समुचित व्यवस्था करने को कहा गया है. कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद मध्यप्रदेश और पंजाब समेत कई राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद बुधवार से शुरू हो रही है. हरियाणा ने पहले सरसों और बाद में 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद आरंभ करने की घोषणा की है.
कोरोना महामारी के संकट की घड़ी में केंद्र सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनके हित में कई फैसले लिए गए हैं.कैलाश चौधरी
उन्होंने कहा कि पहले जहां फसलों की खरीद के बाद किसानों को फसल के दाम के भुगतान में महीने भर का विलंब हो जाता था, वहां अब महज तीन दिनों के भीतर उनको फसलों का दाम मिलेगा और इस संबंध में राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे इसकी रिपोर्ट जल्द भेजें.
चैधरी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा है कि किसानों का कोई काम नहीं रूकेगा और लॉकडाउन के दौरान किसानों से जुड़े तमाम कार्यों को चालू रखने की छूट दी गई है."
उन्होंने कहा कि रबी फसलों की खरीद सुचारू ढंग से चलाने के लिए सरकार ने राज्यों से कहा कि वे पंचायत स्तर पर भी फसल की खरीद की व्यवस्था करें और जिस एजेंसी से खरीद करवाना चाहें करवाएं, मगर सामाजिक दूरी के निदेशरें का पालन हो क्योंकि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यह जरूरी है.
उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने चना और सरसों की खरीद की रोजाना लिमिट 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दी है.मतलब, जहां एक किसान से पहले एक दिन में 25 क्विंटल की खरीद की जाती थी, वहां अब 40 क्विंटल तक खरीदी जाएगी.
उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार को किसानों की चिंता ज्यादा है इसलिए किसानों से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ उनको दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी किसानों के खाते में योजना के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान हो रहा है.
मोदी सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री किसान योजना के प्रत्येक लाभार्थी के बैंक खाते में सालाना 6000 रुपये एक समान तीन मासिक किस्तों में हस्तांतरित किया जाता है. लॉकडाउन के दौरान अब तक पीएम-किसान के तहत, करीब 8.31 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खाते में करीब 16.621 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा चुके है.
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान भी कृषि मंत्रालय में निरंतर काम-काज चलता रहा है और कैलाश चौधरी भी लगातार अपने दफ्तर आ रहे हैं.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)