जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पीओके पाकिस्तान का है और वो पाकिस्तान के पास ही रहेगा.
मैं ना सिर्फ हिंदुस्तान के लोगों से बल्कि पूरी दुनिया से कहना चाहता हूं कि जो हिस्सा पाकिस्तान का है वो पाकिस्तान का ही रहेगा और कश्मीर का जो हिस्सा हिंदुस्तान के पास है वो हिंदुस्तान का है, जो कभी नहीं बदलेगा. चाहे कितनी भी जंग हो जाये ये नहीं बदलने वाला है.फारुक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर
कश्मीर की आजादी पर क्या बोले अब्दुल्ला
कश्मीर की आजादी की सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने साफ कहा कि आजादी का सवाल ही नहीं उठता है. यहां ऐसा कोई मसला नहीं है.
उन्होंने कहा,
हम लोग लैंड लॉक्ड हैं. एक तरफ से चीन है, एक तरफ से पाकिस्तान है और एक तरफ हिंदुस्तान. और इन सभी के पास न्यूक्लियर हथियार है. लेकिन हमारे पास अल्लाह के सिवा कुछ भी नहीं है. तो फिर जो ये आजादी की बात करते हैं वो गलत बात करते हैं.
“भारत ने किया विश्वासघात”
फारूक अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “अगर कश्मीर हिन्दुस्तान में मिला है तो हमें ये मानना चाहिए कि हिंदुस्तान ने हमारे साथ सुलूक अच्छा नहीं किया. उन्होंने विश्वासघात किया है. इसलिए आज कश्मीर में इस तरह के हालात हैं. जब तक हिंदुस्तान की तरफ से कशमीर के लोगों को अंदरूनी आजादी नहीं मिलेगी तब तक लोग अमन चैन से यहां नहीं रह पाएंगे.
सभी पक्षों से बातचीत करेगा केंद्र
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जारी तनाव को दूर करने के लिए सभी पक्षों से बातचीत के लिए आईबी के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
ऐसे में दिनेश्वर शर्मा के बारे में पूछे गए एक सवाल में फारूक अब्दुल्लाह ने कहा, “मैं इस पर ज्यादा नहीं बोल सकता. उन्होंने बातचीत की है, लेकिन सिर्फ बातचीत ही समाधान नहीं है. ये भारत और पाकिस्तान के बीच का विवाद है. कश्मीर का मसला हल करने के लिए कश्मीर की अावाम के साथ साथ हिंदुस्तान की सरकार को पाकिस्तान से भी बात करनी होगी क्योंकि कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास भी है.”
ये पहला मौका नहीं जब फारुक ने ऐसा विवादित बयान दिया है.
केंद्र सरकार के मंत्री ने दिया जवाब
फारुक के इस बयान के बाद पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जब 40 साल पहले ये सीएम बने थे उन्होंने स्वायत्तता की मांग छोड़ दी थी. लेकिन अब जब फारूक अब्दुल्ला सत्ता में नहीं है तो दोबारा सत्ता की चाहत में इस तरह के बयान दे रहे हैं. लेकिन जम्मू कश्मीर के नौजवान बहुत समझदार हैं.
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