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फर्रुखाबाद: छुट्टी पर गए सरकारी डॉक्टर, FIR वापस लेने की मांग

सरकार बनाम सरकारी डॉक्टर

Published
भारत
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फर्रुखाबाद के सरकारी अस्पताल में 49 बच्चों की मौत के मामले में आरोपों के बाद जिले के सरकारी डॉक्टर सामूहिक हड़ताल पर चले गए हैं. मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक ये हड़ताल 7 सितंबर तक जारी रह सकती है. हड़ताल की मुश्किल के बीच राहत की बात सिर्फ इतनी है कि इमरजेंसी और पोस्टमॉर्टम सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगीं.

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सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. डॉक्टरों ने योगी सरकार पर जल्दबाजी में कदम उठाने का आरोप लगाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) प्रशांत त्रिवेदी को भेजी गई एक विज्ञप्ति में पीएमएस चिकित्सकों ने भी तीनों चिकित्सकों के खिलाफ दर्ज FIR फौरन वापस लेने की मांग की है।

प्रशांत त्रिवेदी ने बताया, "चीजों को गलत तरीके से पेश किया गया. यही वजह है कि सीएमओ और सीएमस के खिलाफ FIR के आधार पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. हम मामले की आगे जांच करेंगे"

फर्रुखाबाद के सरकारी अस्पताल में हुआ क्या था?

फर्रुखाबाद के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक महीने के भीतर यानी 20 जुलाई से 21 अगस्त के बीच 49 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया था. ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी को इन मौतों की वजह बताया गया. पहले अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर गए. इसके अलावा फर्रुखाबाद के डीएम समेत तीन अधिकारियों का भी ट्रांसफर कर दिया गया.

इन 49 बच्चों में से 30 की मौत नवजात आईसीयू में और 19 की डिलिवरी के दौरान हुई.

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