IIT दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया, ऑक्सफैम, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत 12,000 से भी अधिक NGOs और दूसरे संगठन अब विदेशों से फंड नहीं पा सकेंगे क्योंकि इसके लिए आवश्यक उनका FCRA लाइसेंस 1 जनवरी 2022 तक एक्सपायर हो चुका है. इनमें से करीब 6,000 NGOs के FCRA लाइसेंस कल समाप्त हो गए.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय के सूत्र ने जानकारी दी कि 6000 से भी अधिक इन NGOs और दूसरे संगठनों ने लाइसेंस को रिन्यू कराने के लिए आवेदन दायर नहीं किया है. रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्र ने यह भी दावा किया कि मंत्रालय की तरफ से डेडलाइन के पहले आवेदन डालने का रिमाइंडर भी भेजा गया था लेकिन कई NGOs और दूसरे संगठनों ने ऐसा नहीं किया.
गौरतलब है कि कुल मिलाकर ऑक्सफैम इंडिया ट्रस्ट, जामिया मिलिया इस्लामिया, द इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत 12 हजार से अधिक NGOs का FCRA लाइसेंस नए साल के आने के साथ एक्सपायर हो गया. इस लिस्ट में ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स और इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर भी शामिल हैं.
भारत में अब केवल 16,829 NGOs के पास FCRA लाइसेंस
भारत में अब केवल 16,829 NGOs हैं जिनके पास अभी भी FCRA लाइसेंस है, जिसे कल 31 मार्च, 2022 तक रिन्यू किया गया था, या जब तक रिन्यू करने के आवेदन (आवेदन करने वाले गैर NGOs के लिए) का निर्णय नहीं लिया जाता है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार विदेशी योगदान नियमन अधिनियम (FCRA) के तहत 22,762 NGOs रजिस्टर्ड हैं, और उन्हें विदेशी फंडिंग प्राप्त करने के लिए रजिस्टर्ड (लाइसेंस होना) बने रहना होना.
कुछ ही दिन पहले गृह मंत्रालय ने मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के FCRA लाइसेंस को रिन्यू नहीं करने के लिए "प्रतिकूल इनपुट" का हवाला दिया था. इसके बाद MoC अपने 250 से अधिक खातों के विदेशी फंड्स का प्रयोग नहीं कर सकता.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)