वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
राजनीतिक और सामाजिक मामलों पर अपनी वेबाक राय रखने वाले फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पर भी अपनी प्रतिक्रिया है. हालांकि, उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में सरकार पर ताना मारा है.
मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने द क्विंट से विशेष बातचीत में नागरिकता विधेयक पास होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
कश्यप ने कहा, “इस (CAB) पर मेरा इंस्टेंट रिएक्शन? इस पर मेरा इंस्टेंट रिएक्शन...ये क्यों और कैसे हो रहा है...और यह रुकने वाला नहीं है. हमने इसके लिए वोट दिया था, हमें यही मिलना चाहिए. हमें यही मिलता रहेगा. मैंने सचमुच खुद को इससे अलग कर लिया है, मैं किसी भी बात का समर्थन नहीं करता हूं.”
उन्होंने आगे कहा-
“या तो फिर आप इसमें पूरी तरह शामिल हो जाएं या बस रहने दें. हमें इस साइकिल से गुजरना होगा ताकि हम समझ सकें कि यह किसी के भी साथ हो सकता है. इस तरह के परिणाम आते रहेंगे. तभी हम एक समाज की तरह विकसित होंगे.”
CAB के खिलाफ 600 से ज्यादा प्रमुख हस्तियों ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी
नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए विधायी प्रक्रिया है.
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ 600 से ज्यादा प्रमुख हस्तियों के हस्ताक्षर किए पत्र को नरेंद्र मोदी सरकार को भेजा गया. इनमें कलाकार, लेखक और पूर्व न्यायाधीश शामिल हैं. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह किया कि प्रस्तावित कानून को वापस लें. इस विधेयक में गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को "विभाजनकारी, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक" के रूप में शामिल किया गया है.
हस्ताक्षरकर्ताओं में लेखक नयनतारा सहगल, अशोक वाजपेयी, अरुंधति रॉय, पॉल ज़ाचरिया, अमिताव घोष और शशि देशपांडे शामिल हैं; टीएम कृष्णा, अतुल डोडिया, विवान सुंदरम, सुधीर पटवर्धन, गुलमोहम्मद शेख और नीलिमा शेख जैसे कलाकार; अपर्णा सेन, नंदिता दास और आनंद पटवर्धन जैसे फिल्मकार; रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, रामचंद्र गुहा, गीता कपूर, अकील बिलग्रामी और ज़ोया हसन जैसे विद्वान; तीस्ता सीतलवाड़, हर्ष मंदर, अरुणा रॉय और बेजवाडा विल्सन जैसे कार्यकर्ता; और (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति एपी शाह, योगेंद्र यादव, जीएन देवी, नंदिनी सुंदर और वजाहत हबीबुल्लाह कई हस्तियां है.
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