पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जनता परेशान है और इस मुद्दे को लेकर सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि तेल की कीमतों का बढ़ना एक गंभीर मुद्दा है और कीमतें कम करने के अलावा कोई भी जवाब किसी को संतुष्ट नहीं कर सकता है.
केंद्र और राज्य सरकारों को करनी चाहिए बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को बात करनी चाहिए ताकि लोगों को उचित दाम पर पेट्रोल-डीजल मिल सके.
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि “ तेल उत्पादक देशों ने ऑयल उत्पादन का जो अनुमान लगाया था वह अब नीचे आने की संभावना है जो कि फिर से चिंता की बात है.”
‘’तेल के दाम पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. इसे तकनीकी तौर पर मुक्त कर दिया गया है. ऑयल कंपनियां क्रूड ऑयल आयात करती हैं, रिफाइन करती हैं और बेचती हैं.’’निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
मोदी सरकार पर विपक्ष हमलावर
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार के राज में सिर्फ महंगाई का विकास हुआ है.
वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस ने तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर शनिवार को राज्य में आधे दिन का बंद बुलाया. इस दौरान प्रदेश के कई शहरों में कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
ट्रांसपोर्ट संगठन की चेतावनी
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी टैक्स में कटौती करते हुए डीजल की कीमतों में राहत देने की मांग की है. चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने कहा है कि करों में कटौती के लिए केंद्र सरकार राज्यों को फौरन एडवाइजरी जारी करे. संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर सरकार 14 दिनों के अंदर कोई कदम नहीं उठाती है तो हमें देशभर में ट्रांसपोर्ट सर्विसेज को रोकना होगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)