ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के टिकरपाड़ा गांव के रहने वाले 60 साल के चमरू पहाड़िया की तनख्वाह मांगने पर उंगलियां काट दी गईं. चमरू महाराष्ट्र के नागपुर में कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी का काम करते थे. चमरू का कहना है कि दो दलालों ने मिलकर उनके हाथ और पांव की उंगलियां काटी हैं.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दोलाल सतनामी (35) और बिदेसी सुनामी (30) ने चमरू पहाड़िया को नागपुर में नौकरी दिलाने के बहाने ले गए. करीब डेढ़ महीने बाद जब चमरू ने अपने पैसे मांगे, तो दोनों ने पैसे देने से इनकार कर दिया.
आरोप है कि जब चमरू ने दोनों पर धोखा देने का आरोप लगाया, तो दोनों दलालों ने मिलकर चमरू के दाएं पैर की पांचों उंगलियां काट दीं. साथ ही दाहिने हाथ की उंगलियां भी काटने की कोशिश की. उंगलियां काटने के बाद जब चमरू बेहोश हो गया, तो दोनों ने उसे नागपुर स्टेशन के पास छोड़ दिया.
आरपीएफ जवान ने बचाई जान
नागपुर स्टेशन पर रेलवे की पटरियों पर रेलवे पुलिस फोर्स के एक जवान ने चमरू को पड़ा देखा. इसके बाद चमरू के बेटे और बाकी के लोगों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी. कुछ दिन के बाद चमरू हॉस्पिटल से निकल पाया और रेलवे स्टेशन पहुंचा.
स्टेशन पर मौजूद लोगों की मदद से चमरू अपने गांव तक का टिकट ले पाया. 4 अक्टूबर को चमरू बालंगीर के हरिशंकर रोड स्टेशन पर उतरा, जहां उसे एक शख्स ने पहचाना और गांव ले गया.
गांव पहुंचने के बाद भी चमरू को इस बात का डर था कि सतनामी और सुनामी के लोग उसको नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस डर के कारण चमरू ने आगे का इलाज नहीं कराया.
5 अक्टूबर को नुआपाड़ा के विधायक राजेंद्र ढोलकिया ने चमरू से मुलाकात की और 1 हजार रुपये दिए. साथ ही गांव वालों से उसका इलाज करवाने की नसीहत भी दी. विधायक ने कहा वो पीड़ित के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से कुछ वित्तीय सहायता के लिए बात करेंगे. इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार में भी हुई है.
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