अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सीटि के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी के खिलाफ पुणे में एफआईआर दर्ज की गई है. उस्मानी पर आरोप है कि उन्होंने एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम में अलग-अलग समूहों के बीच नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले कथित भाषण दिए हैं.
शरजील उस्मानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत पुणे के स्वरगेट पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. बता दें कि धारा 153 (ए) धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिकायतकर्ता प्रदीप गावड़े ने कहा है:
“हमने पुलिस से अनुरोध किया है कि वह उसके खिलाफ 124-ए, आईपीसी का मामला दर्ज करे क्योंकि उसने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह भारतीय राज्य, संसद और न्यायपालिका में विश्वास नहीं रखता है. हमने यह भी कहा कि एल्गर परिषद के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
उस्मानी के बयान को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरम
उस्मानी द्वारा हिंदू समाज को लेकर दिए गए बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार पर हमलावर है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर शरजील पर सख्त एक्शन लेने की मांग की.
किस बयान पर हंगामा?
पुणे में हुए एलगार परिषद के कार्यक्रम में शरजील उस्मानी ने कहा,
‘आज का हिंदू समाज, हिंदुस्तान में हिंदू समाज बुरी तरीके से सड़ चुका है. ये जो लोग लिंचिंग करते हैं, कत्ल करते हैं, ये कत्ल करने के बाद अपने घर जाते हैं तो क्या करते होंगे अपने साथ? कोई नए तरीके से हाथ धोते होंगे, कुछ दवा मिलाकर नहाते होंगे. क्या करते हैं ये लोग कि वापस आकर हमारे बीच खाना खाते हैं, उठते-बैठते हैं, फिल्में देखते हैं. अगले दिन फिर किसी को पकड़ते हैं, फिर कत्ल करते और नॉर्मल लाईफ जीते हैं. अपने घर में मोहब्बत भी कर रहे हैं, अपने बाप के पैर भी छू रहे हैं, मंदिर में पूजा भी कर रहे हैं, फिर बाहर आकर यही करते हैं.’
बता दें कि पुणे का एलगार परिषद दो साल पहले भी विवादों में रहा था. जिसके बाद पुणे पुलिस ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर रोक लगा दी थी.
कौन हैं शरजील उस्मानी?
शरजील उस्मानी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके हैं. उस्मानी चर्चा में तब आए जब उन्होंने अपने कई साथियों के साथ एंटी सीएए प्रदर्शनों में खुलकर हिस्सा लिया था. उन्होंने कई जगहों पर इसके खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई भी की. जिसे लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था. उन पर आरोप लगाया गया कि वो एएमयू कैंपस में हुई हिंसा में शामिल थे. करीब 3 महीने बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)