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योगी पर ‘अपमानजनक’ कमेंट के आरोप में द वायर के एडिटर के खिलाफ FIR

द वायर के एडिटर वरदराजन के खिलाफ फैजाबाद में एफआईआर दर्ज की गई है

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भारत
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यूपी पुलिस ने न्यूज साइट ‘द वायर’ के एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वरदराजन के खिलाफ मुख्यमंत्री पर ‘अपमानजनक’ टिप्पणी के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है. वरदराजन ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को राजनीति से प्रेरित करार दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि जिस दिन तबलीगी जमात ने दिल्ली में कार्यक्रम किया था उसी दिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अयोध्या में रामनवमी मेला पहले की तरह ही लगेगा.

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वरदराजन के खिलाफ दर्ज एफआईआर में लॉकडाउन के दौरान रामजन्मभूमि में योगी आदित्यनाथ के धार्मिक अनुष्ठान पर उनकी टिप्पणी का जिक्र है. इसमें वरदराजन के उस ट्वीट का भी रेफरेंस दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है. “ जिस दिन दिल्ली में तबलीगी जमात का कार्यक्रम हुआ, उसी दिन योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अयोध्या में रामनवमी का मेला 25 मार्च से 2 अप्रैल तक के तय कार्यक्रम के मुताबिक ही लगेगा. भगवान राम भक्तों की कोरोनावायरस से रक्षा करेंगे. ”

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वरदराजन ने ट्वीट पर दिया स्पष्टीकरण

हालांकि बाद में वरदराजन ने ट्वीट कर कहा, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हिंदुत्वादियों के बड़े धार्मिक नेता और अयोध्या में राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के आधिकारिक प्रमुख आचार्य परमहंस ने कहा था कि राम भक्तों की कोरोना वायरस से रक्षा करेंगे. यह बात आदित्यनाथ ने नहीं कही थी. हालांकि उन्होंने 25 मार्च को लॉकडाउन के नियमों को तोड़ कर सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन को मंजूरी दी थी और खुद भी इसमें हिस्सा लिया था.

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फैजाबाद में वरदराजन के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर

वरदराजन के खिलाफ बुधवार को सुबह सात बजे फैजाबाद कोतवाली थाने के इंचार्ज नीतीश कुमार श्रीवास्तव ने एफआईआर दर्ज की. एफआईआर आईपीसी की धारा 188 ( लोक सेवक की ओर से जारी आदेश को न मानना) और धारा 505 (सार्वजनिक तौर पर माहौल खराब करने से जुड़ा बयान देना) के तहत दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि वरदराजन ने सीएम के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी की है.

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‘मीडिया की आजादी पर सीधा हमला’

एफआईआर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरदराजन ने कहा कि इसे सरसरी तौर पर देखने से ही लगता है यह राजनीति से प्रेरित है. इसमें जो अपराध गिनाए गए हैं उनके होने का सवाल ही पैदा नहीं होता. यह एफआईआर सीधे तौर पर प्रेस की आजादी पर हमला है. इसके बाद ‘द वायर’ ने इस बारे में एक आधिकारिक बयान जारी किया.

इसमें कहा गया है कि यह बात संज्ञान में ली जानी चाहिए कि आदित्यनाथ ने अयोध्या में 25 मार्च को हुए धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया था, जबकि पीएम मोदी ने इसके पहले ही देश भर में लॉकडाउन घोषित कर दिया था. इसका संदर्भ साफ तौर पर आदित्यनाथ की ओर से रामलला की मूर्ति को एक अस्थायी जगह पर शिफ्ट करने से था ताकि राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सके.

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यह कार्यक्रम सार्वजनिक नहीं था.इसमें आरएसएस और वीएचपी कार्यकर्ताओं का एक छोटा दल मौजूद था. इसके बाद विपक्ष ने लॉकडाउन के गाइडलाइन के उल्लंघन के आरोप में आदित्यनाथ को घेरा था. विपक्ष ने कहा था कि गाइडलाइन को न मानकर आदित्यनाथ ने लोगों को गलत संदेश दिया है.

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योगी के मीडिया सलाहकार ने वरदराजन को दी चेतावनी

इस बीच, वरदराजन और द वायर की ओर से बयान जारी करने से पहले ही योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने वरदराजन के ट्वीट पर टिप्पणी कर दी थी. मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट कर लिखा, झूठ फैलाने का प्रयास ना करें, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कभी ऐसी कोई बात नहीं कही है. इसे फौरन डिलीट करे अन्यथा इस पर कार्यवाही की जाएगी तथा डिफेमेशन का केस भी लगाया जाएगा. वेबसाइट के साथ-साथ केस लड़ने के लिए भी डोनेशन मांगना पड़ेगा फिर.

बाद में मृत्युंजय कुमार ने कहा कि हमारी चेतावनी के बावजूद न तो सिद्धार्थ ने ट्वीट हटाया और न ही माफी मांगी.

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