असम में बाढ़ ने तबाही मचा दी है. लाखों लोगों को अपने घर छोड़कर जाना पड़ा है और जानमाल के नुकसान की लगातार खबरें आ रही हैं. भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी बाढ़ की वजह से स्थिति काफी खराब है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक असम और नेपाल में मॉनसून बारिश की वजह से आई बाढ़ ने करीब 40 लाख लोगों को विस्थापित होने पर मजबूर किया है.
रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि दर्जनों लोग गुमशुदा हो गए हैं और मरने वालों का आंकड़ा 180 के पार चला गया है. तिब्बत, भारत और बांग्लादेश में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी में पानी बढ़ने की वजह से खेती बर्बाद हो गई है.
असम में 27 लाख से ज्यादा विस्थापित
रॉयटर्स की रिपोर्ट में असम सरकार के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि मई से अब तक तीन बार बाढ़ आ चुकी है और इसकी वजह से 27.5 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं. अधिकारी ने बताया कि अब तक 79 लोगों की जान जा चुकी है.
असम के पानी संसाधन मंत्री केशव महंता ने रॉयटर्स को बताया, “बाढ़ की स्थिति गंभीर है क्योंकि कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.”
असम दो परेशानियों से एक साथ जूझ रहा है. राज्य में कोरोना वायरस फैला हुआ है और अब उसे 33 जिलों में से 25 बाढ़ से प्रभावित हैं.
जून से अब तक नेपाल में 100 से ज्यादा मौतें
नेपाल ने दक्षिणी मैदानी इलाकों में रहने वाले अपने निवासियों को अलर्ट रहने को कहा है क्योंकि भारी मॉनसून बारिश के आसार हैं. अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि जून से अब तक बाढ़ और भूस्खलन से 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
पुलिस ने बताया, "करीब 110 लोगों की मौत हुई हैं और 100 से ज्यादा लोग देश के 77 में से 26 जिलों में आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से घायल हो गए हैं." गृह मंत्रालय के अधिकारी मुरारी वस्ती ने रॉयटर्स को बताया कि गुमशुदा हुए लोगों की तलाश में सर्च एंड रेस्क्यू टीमें लगी हुई हैं.
काठमांडू में मौसम विभाग के अधिकारी बरुन पौडेल ने बताया कि अगले चार दिनों तक भारी बारिश की संभावना है.
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