पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक मामले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान आया है. वित्त मंत्री ने मुंबई में बीजेपी ऑफिस में कहा, सरकार का पीएमसी बैंक मामले से सीधे तौर पर कुछ लेना देना नहीं है, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पीएमसी बैंक को देखती है.
वित्त मंत्री ने आगे कहा, 'लेकिन मैंने अपने मंत्रालय के सचिवों को ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के साथ काम करने के लिए कहा है. पीएमसी बैंक मामले पर अब क्या हो रहा है, इस बारे में वित्त मंत्रालय के सचिव विस्तार से स्टडी करेंगे.'
आखिर कमी कहां रह गई, क्या हुआ, इसको समझने के लिए मंत्रालय के सचिवों के साथ RBI के प्रतिनिधि भी वहां होंगे. साथ ही इस पर भी विचार किया जा सकता है कि अगर जरूरत पड़े तो कानून को बदला जा सके.निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
बता दें, पीएमसी बैंक पर लगाई गई पाबंदियों से नाराज खाताधारकों ने आज (10 अक्टूबर) मुंबई स्थित बीजेपी ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वित्त मंत्री सीतारमण ने इन खाताधारकों से मीटिंग की. इसके बाद उन्होंने बीजेपी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
क्या है PMC बैंक संकट?
बीते 23 सितंबर को, RBI ने PMC बैंक पर पाबंदियां लगा दी थीं. RBI का कहना है कि PMC बैंक ने रियल एस्टेट कंपनी HDIL को गलत तरीक से कर्ज दिया. PMC बैंक ने नियंमों को ताक पर रखकर कुल लोन कैपिटल 8,880 रुपये का 73 प्रतिशत यानी 6,500 करोड़ रुपये अकेले HDIL को ही दे दिया था. PMC बैंक की ओर से रियल एस्टेट कंपनी HDIL को दिया गया लोन पिछले तीन साल से NPA चल रहा है. लेकिन बैंक ने ये जानकारी भी छिपाई.
RBI ने इस मामले के संज्ञान में आने के बाद PMC बैंक पर लोन देने पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा RBI ने बैंक मैनेजमेंट पर भी कार्रवाई की. फिलहाल, RBI ने इस मामले की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया है और मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में केस भी दर्ज कराया गया है.
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