चारा घोटाला केस में झारखंड की बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे आरजेडी चीफ लालू यादव को झारखंड हाई कोर्ट से एक और झटका लगा है. झारखंड हाई कोर्ट ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले को लेकर दायर की गई जमानत याचिका खारिज हो गई है. ऐसे में अब लालू की होली जेल में ही मनेगी.
दरअसल, लालू ने पिछली सुनवाई के दौरान जज से गुहार लगाई थी, कि इस मामले में कोर्ट जल्दी फैसला सुना दे. लालू ने कहा था, 'होली से पहले जजमेंट दे दीजिए सर, कम से कम हम लोग होली तो मना लेंगे.'
लालू यादव को चारा घोटाले के देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने साढ़े तीन साल और पांच साल की सजा सुनाई है. इस फैसले को लेकर लालू ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. लालू की ओर से देवघर मामले में जमानत याचिका दाखिल की गई थी.
क्या है देवघर कोषागार मामला?
चारा घोटाले से जुड़ा यह मामला देवघर कोषागार से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये निकालने का है. इस पूरे मामले में कुल 34 आरोपी थे, जिनमें से 11 की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और सीबीआई का गवाह बन गया.
सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले के इस मामले में लालू यादव और इस मामले के आरोपी 15 अन्य लोगों के खिलाफ सजा सुनाई थी. आरोप था कि लालू यादव ने 1990 से 1994 के बीच 89.24 लाख रुपये निकलवाए. उन्हें 2013 में चारा घोटाले के पांच मामलों में से एक में दोषी ठहाराया गया.
इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत सहित 7 लोगों को बरी कर दिया था.
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